ऋषिकेश। आइडीपीएल स्थित राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड अस्पताल में अब फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों का भी इलाज होगा। एम्स ऋषिकेश के अतिरिक्त इस अस्पताल में भी फंगस के रोगियों का उपचार होगा। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए डीआरडीओ और उत्तराखंड सरकार ने आइडीपीएल में 500 बेड का कोविड अस्पताल बनाया था। जिसमें 100 आइसीयू बेड की सुविधा एम्स के भीतर उपलब्ध कराई गई थी। विशेष तौर से कोविड मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए गए 500 बेड की सुविधा वाले इस कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन 26 मई को राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया था।
वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं, लेकिन म्यूकर माइकोसिस यानी फंगस के मामले यहां बढ़ गए हैं। एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और अन्य प्रांतों से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। एम्स में वर्तमान में 189 फंगस संक्रमित मरीज भर्ती हैं। एम्स निदेशक पदमश्री प्रोफेसर रविकांत के निर्देश पर एम्स प्रशासन ने अब यह निर्णय लिया है कि फंगस संक्रमित मरीजों का उपचार एम्स के साथ-साथ राइफलमैन जसवंत सिंह अस्पताल आइडीपीएल में भी किया जाएगा। अब मरीज को इस बीमारी के उपचार के लिए एम्स आने की भी जरूरत नहीं है। वह सीधा आइडीपीएल स्थित इस अस्पताल में आ सकते हैं। एम्स ऋषिकेश के अंतर्गत संचालित इस सेंटर में म्यूकर रोगियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। वर्तमान में यहां 15 मरीज भर्ती हैं।
राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड केयर सेंटर के प्रभारी और एम्स के ट्रामा सर्जन डा. मधुर उनियाल ने बताया कि सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों के अतिरिक्त म्यूकर माइकोसिस के रोगियों को भी भर्ती किया जा रहा है। यदि किसी मरीज के इलाज में मेजर ओटी की आवश्यकता हुई तो उसे एम्स तक पहुंचाने के लिए सेंटर पर चैबीसों घंटे एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा सभी मरीजों के लिए निश्शुल्क है।
पूछताछ नंबर जारी
अस्पताल में मेडिकल सुविधाओं संबंधी पूछताछ के लिए 7669062536 और 7669062537 टेलिफोन नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
रेबार डेस्क कराएगी चिकित्सक से संवाद
राइफलमैन जसवंत सिंह अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज के तीमारदार इलाज करने वाले चिकित्सक से सीधा संवाद कर सकेंगे। डा. मधुर उनियाल ने बताया कि तीमारदारों की सुविधा के लिए रेबार डेस्क स्थापित की गई है। जिसमें बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। प्रतिदिन शाम छह बजे से आठ के बीच भर्ती मरीज के तीमारदार इस स्क्रीन के जरिये चिकित्सक से सीधा संवाद कर सकते हैं और अपने मरीज का नियमित हाल जान सकते हैं।