इंस्पेक्टर पिता के प्रोत्साहन से बेटी का सपना हुआ पूरा, बनी आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट

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यूपीएससी चयन प्रक्रिया (यूपीएससी की सीएपीएफ एसी परीक्षा) से आईटीबीपी में पहली बार दो महिलाएं अधिकारी बनीं हैं। रविवार को असिस्टेंट कमांडेंट प्रकृति और दीक्षा ने आईटीबीपी में शामिल होकर देश सेवा की शपथ ली। उनमें से एक अफसर दीक्षा ने हमेशा से अपने पिता से ही प्रेरणा ली है। रविवार को पासिंग आउट परेड के दौरान आईटीबीपी में शामिल होकर उन्होंने देश सेवा की शपथ ली। इस दौरान युवा अधिकारियों का जोश पासिंग आउट परेड के बाद देखते ही बन रहा था। सभी अधिकारियों ने आसमान में टोपी उछाल कर अपनी खुशी का इजहार किया। आईटीबीपी अकादमी मसूरी में रविवार को पासिंग आउट परेड समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की और सरहद पर देश सेवा कर रहे जवानों को दिल से सलाम किया। पासिंग आउट परेड में आईटीबीपी के 53 अधिकारियों ने शिरकत की ,एक साल के कठिन प्रशिक्षण करने बाद सभी अधिकारी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। रविवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में 53 सहाय कमांडेंट शामिल हुए हैं।

इसमें उत्तरप्रदेश से 11, राजस्थान से सात, महाराष्ट्र से सात, उत्तराखंड से छह, हरियाणा से छह, कर्नाटक से तीन, बिहार से तीन, लद्दाख से दो,  मणिपुर से दो, चंडीगढ़ से दो, पंजाब से एक, तमिलनाडू से एक, केरल से एक, झारखंड से एक अधिकारी शामिल है।

असिस्टेंट कमांडेंट बनीं दीक्षा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहनी वाली हैं। उनके पिता इंस्पेक्टर हैं। दीक्षा ने कहा कि आईटीबीपी में एक अधिकारी के रूप में शामिल होने का उनका सपना आज पूरा हुआ है।उन्होंने कहा उनके पिता ने हमेशा प्रोत्साहित किया। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज यह मुकाम हासिल किया है।दीक्षा ने कहा कि आईटीबीपी में अधिकारी बनने के बाद उनको जो भी दायित्व दिए जाएंगे, उनका निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करूंगी।

 

 

 

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