देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का शुक्रवार को आगाज हो गया। फिल्मोत्सव के पहले दिन बॉलीवुड अभिनेता विनय पाठक की फिल्म चिंटू का बर्थडे प्रदर्शित की गई। इराक के एक घर में फिल्माई गई फिल्म में मदन तिवारी (विनय पाठक) के बेटे चिंटू (वेदांत छिब्बर) के जन्मदिन का उत्सव वाला दृश्य दूनवासियों को खूब भाया। फिल्म के किरदारों की अदाकारी देख दर्शकों ने खूब तालियां बजायीं।
तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव के पहले दिन नौ लघु फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। अभिनेता विनय पाठक ने कहा कि फिल्मों में बाल साहित्य को बढ़ावा देने के लिए वह लगातार काम कर रहे हैं। बाल साहित्य के जरिए बड़े पर्दे से हर उम्र के लोगों तक संदेश पहुंचाया जा सकता है।
कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच खतरा अभी टला नहीं
अपनी आगामी फिल्मों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि चार फिल्में बनकर तैयार हैं। कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद देश भर के सिनेमाघरों में उन्हें जल्द रिलीज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में मास्क पहने और सोशल डिस्टेंस के नियमों का कढ़ाई से पालन किया जाए।
वहीं बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि उत्तराखंड में कलाकारों की कमी नहीं है। उन सभी कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल मंच उपलब्ध करा रहा है। लंबे लॉकडाउन के चलते हर क्षेत्र को नुकसान हुआ है। कोरोना से जल्द निपटने के लिए हमें सरकार और प्रशासन का सहयोग करना होगा। इस मौके पर फेस्टिवल के मुख्य आयोजक राजेश शर्मा भी मौजूद रहे।
ओटीटी ने दर्शकों को सिनेमा से जोड़े रखा
सवाल-जवाब
सवाल: फिल्म चिंटू का बर्थडे में मदन तिवारी का किरदार निभाना कितना मुश्किल काम था : रमा गोयल
जवाब: कोई भी काम मुश्किल या आसान नहीं होता। मदन तिवारी का किरदार निभाने के लिए मैंने कई बार फिल्म की कहानी पढ़ी। कहानी पढ़ते-पढ़ते किरदार को समझना बहुत आसान हो जाता है।
सवाल: आज कल की फिल्मों में दिखाए जाने वाले वल्गर सीन से बच्चों पर बुरा असर पढ़ता है आप क्या सोचते हैं इस बारे में : नरेश बोहरा
जवाब: जिन फिल्मों से आपको या आपके बच्चों पर बुरा असर पड़ता है आप उन फिल्मों को न देखे तो अच्छा होगा। पब्लिक की डिमांड पर ही फिल्में बनाई जाती हैं। यह दर्शकों पर निर्भर करता है कि उसे क्या देखना है और क्या नहीं।
सवाल: फिल्म फेस्टिवल से युवा कलाकारों और शहर को कितना लाभ मिलेगा : हरी ओम शर्मा
जवाब: फिल्म फेस्टिवल एक अवसर है प्रतिभा को मंच देकर उत्साह मनाने का। इस तरह के फिल्म फेस्टिवल से सभी कलाकारों को लाभ मिलता है और कलाकारों के साथ शहर को भी पहचान मिलती है।