देहरादून। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को दो नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी है। पिथौरागढ़ और हरिद्वार जिलों में ये मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों मेडिकल कॉलेजों को जल्द स्वीकृति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का आभार व्यक्त किया।
सरकार ने इन दोनों मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र से अनुरोध किया था। हालांकि बीते दिनों केंद्र की ओर से ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज को केंद्रपोषित योजना के दायरे में शामिल कर उत्तराखंड को तोहफा दिया था। 325 करोड़ लागत से बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज को केंद्र की मंजूरी मिली थी, लेकिन पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के संबंध में राज्य सरकार से प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय के अनुसचिव अमित बिस्वास की ओर से राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा सचिव को पत्र भेजकर केंद्रपोषित योजना में 90-10 के अनुपात में उक्त दोनों नए मेडिकल कॉलेजों को अनुमति दी गई है। उक्त दोनों ही कॉलेजों के निर्माण की अनुमानित लागत 325-325 करोड़ है। इस निर्माण लागत में केंद्र 90 फीसद हिस्सेदारी के तहत 292.50 करोड़ प्रति कॉलेज खर्च उठाएगा।
104 हेल्पलाइन पर तैनात होंगे कॉउंसलर्स व मनोचिकित्सक
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 104 हेल्पलाइन शुरू की है। इस हेल्पलाइन पर लोगों की मदद के लिए अब कॉउंसलर्स और मनोचिकित्सक भी तैनात रहेंगे। 104 हेल्पलाइन पर रोजाना लोग बड़ी संख्या में संपर्क कर रहे हैं। अब तक दो हजार से ज्यादा लोग इस हेल्पलाइन पर संपर्क कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले चुके हैं।
इनमें ऐसे भी कई लोग हैं जो कोरोना संक्रमण को लेकर एक डर में जी रहे हैं। ऐसे लोगों को आशंका है कि उनके साथ भी ऐसा कुछ हो सकता है। ऐसे लोग तनाव न लें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखा जा सके, इसी के मद्देनजर अब इस हेल्पलाइन पर कॉउंसलर्स और मनोचिकित्सक की भी तैनाती कर दी गई है।
अपर सचिव एवं मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने बताया कि हेल्पलाइन पर काउंसलर और मनोचिकित्सक तैनात करने के पीछे मकसद यही है कि ऐसे लोगो को समझाया जाए कि वे पैनिक न हों। बताया कि जल्द राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी करने जा रहा है।
आयुर्वेद व होम्योपैथिक विभाग के पास नहीं उपकरण
कोरोना से निपटने को भले ही स्वास्थ्य विभाग ने आयुर्वेद और होम्योपैथिक विभाग को अपने नियंत्रण में ले लिया है, लेकिन इन दोनों विभागों के पास कोरोना से निपटने के लिए कोई उपकरण व बजट नहीं है। इसे देखते हुए सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से जरूरी कोरोना की जांच और कार्मिकों के बचाव के लिए जरूरी उपकरण मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने आयुर्वेद और होम्योपैथिक विभाग के डॉक्टरों को कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध किया है। इन्हें तत्काल स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं देने को कहा गया है लेकिन इन दोनों विभागों के डॉक्टरों के पास कोरोना से निपटने के आवश्यक उपकरण एवं बचाव के लिए पूरी व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि उनके पास इसके लिए बचाव उपकरण भी नहीं है।