उत्तराखंडः सरकारी कार्यो में चीनी सामान के इस्तेमाल पर पाबंदी

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देहरादून। लद्दाख के सीमांत क्षेत्र में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच उत्तराखंड सरकार ने भी अहम फैसला लिया है। चीन सीमा से सटे इस राज्य में चीनी कंपनियों को टेंडर में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। साथ ही सरकारी कार्यों में चीन के सामान का भविष्य में उपयोग नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार चीनी सामान के उपयोग को हतोत्साहित करने का फैसला ले चुकी है।

सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चीन के विभिन्न मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगने के बाद देश में स्वदेशी एप बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियों के बिजली मीटर पर पाबंदी जैसे कदमों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में चीनी सामान का उपयोग नहीं करने के बारे में फैसला ले चुकी है। चीन निर्मित ऐसा सामान जो पहले लिए गए फैसले के मुताबिक इस्तेमाल की प्रक्रिया में है, केवल उसे छूट होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिये कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदल दिया है। 20 लाख करोड़ के पैकेज ने तस्वीर बदल दी है। एमएसएमई को कई रियायतों के साथ गरीबों, किसानों और श्रमिकों के लिए कई कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने में बड़ी मदद की है। उत्तराखंड में ही मनरेगा में 36 हजार नए व्यक्तियों को काम उपलब्ध कराया गया है।

स्वरोजगार योजना में 150 कार्य

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 कार्यों को शामिल किया गया है। इससे राज्य के युवाओं और वापस लौटे प्रवासियों को रोजगार मिल सकेगा। मोटर बाइक योजना में 10 हजार युवाओं को रोजगार का लक्ष्य है। इसी तरह 10 हजार व्यक्तियों को सोलर फार्मिंग में रोजगार दिया जाएगा। सोलर परियोजनाओं में भूमि संबंधी दिक्कतों को दूर किया जा रहा है। इसके लिए भू परिवर्तन नियमों में संशोधन किया गया है।

डेंजर जोन पर पूरी सतर्कता

उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा के भूस्खलन वाले डेंजर जोन में सड़क के दोनों ओर जेसीबी और पोकलैंड मशीनों की व्यवस्था की गई है, ताकि बाधित मार्ग को तुरंत खोला जा सके। ऐसे क्षेत्रों में एसडीआरएफ की तैनाती भी की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यात्रा के लिए आने के इच्छुकों की तादाद बड़ी है, लेकिन राज्य सरकार ने सीमित आवाजाही को मंजूरी दी है। हालात सामान्य होने पर यात्रा सुचारू चल सकेगी। उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन के संबंध में अंतिम फैसला अखाड़ा परिषद के सुझावों के आधार पर आगामी फरवरी में लिया जाएगा। कुंभ के स्थायी निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।

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