देहरादून। 2020 चारधाम यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। इसके तहत अभी सिर्फ उत्तराखंड के लोगों को ही चारधाम यात्रा की अनुमति होगी। यात्रा शुरू करने से पहले चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना भी अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर इंतजार खत्म हो गया। कोरोना संक्रमण के चलते रोकी गई चारधाम यात्रा एक जुलाई से फिर से शुरू होने जा रही है। सोमवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने चारधाम यात्रा के मद्देनजर मानक परिचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ राज्य के श्रद्धालु ही बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जा सकेंगे। इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करना जरूरी होगा। किसी भी कंटेनमेंट और बफर जोन में रहने वाले लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
यात्रा शुरू करने से पहले देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट इंकतपदंजी-ामकंतदंजी.हवअ.पद पर भी पंजीकरण करना होगा। इसके बाद ई-पास और अपलोड किए गए फोटो आइडी और निवास स्थान का प्रमाण पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा, जिसके बाद ही धाम में प्रवेश करने दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को यात्रा विश्राम स्थल पर सिर्फ एक रात की अनुमति ही होगी। वहीं, जिन लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक 65 साल से अधिक और दस साल से कम आयु को यात्रा की इजाजत नहीं है। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोना अनिवार्य होगा। साथ ही परिसर के बाहर से लाए गए प्रसाद और चढावे को मंदिर में लाना वर्जित रहेगा। मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही है।