उत्तराखंड की सड़कें अक्तूबर से होंगी गड्ढ़ामुक्त, सचिव लोनिवि का दावा; विभागीय अधिकारियों को जारी हुए निर्देश

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  • बारिश खत्म होने के बाद सड़कों की मरम्मत और सुधारीकरण का कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा। मैं स्वयं इसकी मॉनीटरिंग करूंगा। बजट की कोई कमी नहीं है। – आरके सुधांशु, सचिव, लोनिवि

देहरदुन : उत्तराखंड की सड़कों को गड्ढ़ामुक्त बनाने का अभियान अक्तूबर माह से शुरू होगा। लोनिवि ने इस वित्तीय वर्ष में करीब पांच हजार किमी सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य बनाया था। लेकिन विभाग मानसून से पहले तक वह करीब 19 प्रतिशत सड़कों की ही मरम्मत कर सका है।

बारिश में जिन सड़कों पर कुछ कार्य हुआ भी था, उनकी भी हालत खस्ता है। सितंबर के आखिरी हफ्ते में बारिश थम जाने के आसार हैं। इसके साथ ही लोनिवि की मशीनरी सड़कों का उद्धार करने में जुट जाएगी।

सचिव लोनिवि आरके सुधांशु के मुताबिक, विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मौसम ठीक रहा तो अक्तूबर माह के पहले हफ्ते से ही सड़कों पर काम युद्धस्तर पर शुरू हो जाएंगे। वे स्वयं सड़कों पर चलने वाले कार्य की प्रगति और तेजी को देखने के लिए दौरों का कार्यक्रम बना रहे हैं।

पांच हजार किमी से अधिक की सड़कों को जहां गड्ढामुक्त बनाया जाने का लक्ष्य है। वहीं सड़कों का नवीनीकरण भी होना है। लोनिवि ने इस साल 1232 किमी सड़कों का नवीनीकरण करना है। मरम्मत और नवीनीकरण के लिए विभाग के पास पर्याप्त बजट है। अनलॉक चार में मजदूरों की कमी और बंदिशें कम हो गई हैं। लिहाजा उम्मीद है कि सड़कों का काम तेजी पकड़ेगा।

लोनिवि के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान 1232 किमी सड़कों के नवीनीकरण की तुलना में केवल 97 किमी सड़क का ही उद्धार हो सका। इसी तरह 5147 किमी सड़क की मरम्मत की तुलना में केवल 942 सड़क की मरम्मत हो सकी। अनलॉक-दो व तीन में मरम्मत कार्य हुआ लेकिन मानसून के आते ही लोनिवि की प्राथमिकता बदल गई।

सत्ता पक्ष के विधायकों का भी था दबाव

सड़कों की खस्ता हालत को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक भी परेशान हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने चुनाव क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत और सुधारीकरण का कार्य कराने का मुद्दा उठाया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि मानसून के बाद सड़कों के सुधारीकरण का काम युद्धस्तर पर होगा।

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