“आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारकों को अब पूरे देश के सूचीबद्ध अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों वं पेंशनर्स को अनलिमिटेड इलाज की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। स्टेट हेल्थ एजेंसी सभी डीडीओ के जरिए कर्मचारियों के कार्ड बनवाएगी और उसके बाद कर्मचारी योजना का लाभ ले सकेंगे।” -अरुणेंद्र चौहान, अपर सचिव व सीईओ, आयुष्मान योजना
देहरादून : उत्तराखंड के 40 लाख गोल्डन कार्ड धारकों को अब आयुष्मान योजना के तहत देश के 22 हजार के करीब नामी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। कार्ड धारक मेडिकल कॉलेजों और एनआईबीएच अस्पतालों में बिना रेफरल के ही सीधा इलाज करा सकेंगे।
अपर सचिव अरुणेंद्र चौहान की ओर से आयुष्मान योजना के नियमों में बदलाव के आदेश किए गए। राज्य में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के इलाज के लिए अभी तक दोहरी व्यवस्था थी। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के दायरे में आने वाले तीन लाख साठ हजार परिवारों को तो देशभर के अस्पतालों में इलाज की सुविधा थी। लेकिन शेष 36 लाख कार्ड धारक केवल योजना में जुड़े राज्य के अस्पतालों में ही इलाज करा सकते थे। लेकिन अब सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें भी देशभर के बड़े अस्पतालों में इलाज की सुविधा दे दी है।
गंभीर बीमारियों में आ रही थी परेशानी
राज्य के भीतर इलाज की शर्त की वजह से बड़ी संख्या में लोग गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे थे। क्योंकि राज्य में कई गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा नहीं है। जिन अस्पतालों में इलाज की सुविधा है भी वो योजना से जुड़े नहीं थे। इसलिए अब सरकार ने सभी कार्ड धारकों को पूरे देश के योजना से जुड़े अस्पतालों में इलाज की सुविधा दे दी है।
नए अस्पताल जुडेंगे योजना में
सरकार ने आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाने के साथ ही अस्पतालों का इन्सेटिव भी बढ़ा दिया है। इससे योजना में अब ज्यादा से ज्यादा अस्पताल जुड़ पाएंगे। इलाज के बदले कम पैसे मिलने की वजह से राज्य के ही कई अस्पताल अभी तक आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध नहीं हुए थे। लेकिन अब सरकार ने अस्पतालों के पैसे बढ़ाने का निर्णय भी लिया है। प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और पहाड़ के अस्पतालों के लिए भी इन्सेटिव बढ़ाए गए हैं।