उत्तराखंड में कोविड कर्फ़्यू अभी लागू है हालांकि सरकार ने कुछ रियायतें राज्य की जनता को दी हैं और कोविड नियमों का पालन अब भी जरूरी है लेकिन थोड़ी सी छूट के बाद ही उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ दिखाई दे रही है जहां पर कोविड के नियमों की खूब धज्जियां उड़ रही है लेकिन सरकार की तरफ से इन नियमों का पालन कराने के लिए कोई भी मौजूद नहीं है उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल नैनीताल और मसूरी में इतने पर्यटक पहुंच चुके हैं कि वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता एक तरफ तो विशेषज्ञ तीसरी लहर की लगातार चेतावनी दे रहे हैं तो दूसरी तरफ से इस तरह की भीड़ का इकट्ठा होना तीसरी लहर को आने की चुनौती दे रहा है ऊपर से उत्तराखंड सरकार ने कावड़ यात्रा को लेकर संकेत दिए हैं कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर लगा प्रतिबंध हटाया जा सकता है ।ऐसे में कहीं ये भीड़ एक बार फिर कोरोना की तीसरी लहर को दस्तक न दे डाले।
एक तरफ कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है ये देखते हुए कि जिस तरह से देश मे दूसरी लहर ने कोहराम मचाया वो एक बार फिर तीसरी लहर के रूप में न आ जाय ।पर उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर जम रही भीड़ और कोविड के नियमो की उड़ती धज्जियां कहीं तीसरी लहर को न्योता तो नही दे रही कोर्ट ने पर्यटन स्थलों पर हो रही भीड़ पर भी चिंता जताई है और सरकार से सवाल भी पूछे है पर लग रहा है सरकार को मानो तीसरी लहर की चिंता नहीं है।क्योकि बाहरी प्रदेशो से लोग बिना रोक टोक उत्तराखंड पहुच रहे हैं औऱ भारी भीड़ एक बार फिर लोगों को डरा रही है।
उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने कांवड़ यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटाने के संकेत दिये हैं।कोविड की तीसरी तीसरी लहर को देखते हुए एक तरफ कोर्ट और दूसरी तरफ विशेषज्ञ लगातार चिंतित है ऐसे में राज्य सरकार ने एक बार फिर कावड़ यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटाने के संकेत दिए हैं इसका मतलब एक बार फिर कुंभ की तरह हरिद्वार में और गंगा घाटों पर भारी भीड़ देखने को मिल सकती है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहां की राज्य सरकार कावड़ यात्रा को लेकर विचार कर रही है और जब इस पर फैसला लिया जाएगा कावड़ यात्रा को लेकर उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बातचीत की है जल्द ही विचार करके कावड़ यात्रा पर फैसला लिया जाएगा मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया की किसी की आस्था पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है कावड़ यात्रा में भीड़ कम करने का उनका कोई मकसद नहीं है कॉविड गाइडलाइन का पालन करने के साथ कावड़ यात्रा पर विचार किया जा रहा है ।
ऐसे में मुख्यमंत्री के बयान से यह साफ होता है कि सरकार कावड़ यात्रा से जल्द प्रतिबंध हटा सकती है सरकार का यह फैसला कितना सही साबित होगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जिस तरह से कुंभ में भारी भीड़ जुटी थी और यहां से कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण फैला था कहीं ये हालात दोबारा पैदा न हो?
यह फैसला एक बार फिर उत्तराखंड सरकार को भारी न पड़े क्योंकि इससे पहले कुंभ में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था एक तरफ हाई कोर्ट हाईकोर्ट में चार धाम यात्रा को पूरी तरह से 28 जुलाई तक प्रतिबंधित किया है और सरकार से चार धाम यात्रा को लेकर तैयारियों का लाइव स्ट्रीमिंग करने को कहा है लेकिन सरकार पिछले 1 माह से कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रख पाई है नैनीताल हाईकोर्ट में चार धाम यात्रा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है और सरकार से पर्यटकों के आने पर क्या तैयारियां है और किस तरह कोविड के नियमों का पालन कराया जाएगा इस पर सरकार से सवाल पूछे हैं साथ ही पर्यटन स्थलों पर बढ़ रही थी को देखते हुए भी कोर्ट ने सरकार से यह पूछा है कि जिस तरह से पर्यटन स्थलों पर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ रही है तो क्या सरकार को इन पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के आने पर रोक नहीं लगा देनी चाहिए पर सरकार अभी तक कोर्ट में अपना जवाब दाखिल नही कर पाई है ।जिस तरह से कुम्भ में कोरोना फैला और कई लोग अपनी जान को भी गवां बैठे ऐसे में क्या एक बार फिर बढ़ती भीड़ और कावंड़ का फैसला कहीं प्रदेश की जनता को भारी न पड़ जाय।