उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में बढ़ेगी आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या

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देहरादून। विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में महिलाओं और बालक-बालिकाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं के विस्तार के मद्देनजर अब शहरी क्षेत्रों में भी इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के तेजी से विकसित होने के दृष्टिगत इस बारे में गहनता से मंथन चल रहा है। सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों की मांग से संबंधित प्रस्ताव आने पर इन्हेंं केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही इनकी संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।

राज्य के सभी 13 जिलों में वर्तमान में 105 बाल विकास परियोजनाएं संचालित हैं। आॢथक सर्वेक्षण 2020-21 के मुताबिक इन योजनाओं में आठ शहरी क्षेत्रों और 97 ग्रामीण क्षेत्रों में 20033 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से चल रही हैं। शहरी क्षेत्रों में 1249 और ग्रामीण क्षेत्रों में 18784 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। अब जबकि शहरी क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे हैं तो इनमें भी आंगनबाड़ी केंद्रों को इसी अनुपात में बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

इसके पीछे मंशा यही है कि शहरी क्षेत्रों में भी महिला एवं बाल विकास से संबंधित योजनाएं रफ्तार पकड़ें। आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए इस सुझाव को लेकर शासन स्तर पर मंथन भी प्रारंभ हो गया है। आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ाने को केंद्र सरकार से हरी झंडी लेना आवश्यक होता है। इसके बाद इन केंद्रों के लिए बजट समेत अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाती हैं। सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों को सभी आवश्यक सुविधाओं से भी लैस किया जा रहा है। मसलन, वहां पेयजल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। जरूरत पडऩे पर इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने से संबंधित प्रस्तावों पर गौर किया जाएगा।

उत्तराखंड में आंगनबाड़ी केंद्र

  • जिला, संख्या
  • हरिद्वार, 3179
  • ऊधमसिंहनगर, 2387
  • टिहरी, 2017
  • देहरादून, 1907
  • अल्मोड़ा 1860
  • पौड़ी, 1853
  • नैनीताल, 1416
  • पिथौरागढ़, 1111
  • चमोली, 1078
  • उत्तरकाशी 1030
  • बागेश्वर 834
  • चंपावत, 681
  • रुद्रप्रयाग, 680

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