देहरादून। उत्तराखंड में गढ़वाल में भले ही मौसम ने राहत दी हो, लेकिन कुमाऊं में बारिश के साथ ही मुसीबत बरकरार है। बारिश के कारण कुमाऊं में सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है तो स्थानीय नदी नाले भी उफान पर हैं। वहीं, आज तड़के तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। इस कारण कई पेड़ टूट गए। वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी है और इसके मद्देनजर एक एडवाइजरी भी जारी की है। मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य में 20 जून तक मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इस वक्त प्रदेश में प्री-मानसून सक्रिय है। शुक्रवार को कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भारी बारिश हुई। इससे टनकपुर -तवाघाट हाईवे तीन स्थानों पर मलबा आने से बाधित रहा। नेपाल सीमा पर स्थित हल्दू गांव में ग्रामीण भूस्खलन से दहशत में हैं। गंगोलीहाट तहसील क्षेत्र में हुई बारिश से कलूर नदी का जलस्तर बढ़ गया।
इससे ग्वासीकोट, खिरमांडे क्षेत्र को जोडऩे वाला अस्थाई मोटर मार्ग बह गया। अल्मोड़ा में सिल्ट जमा होने से कोसी पंप हाउस के तीनों पंप ठप हो गए। इससे अल्मोड़ा नगर व आसपास के 300 गांवों की जलापूर्ति ठप हो गई।
शनिवार और रविवार को प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। विशेषकर पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल और चम्पावत में बहुत भारी बारिश हो सकती है। जबकि टिहरी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग और देहरादून में कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका है। इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में बारिश के साथ ही तेज हवा चल सकती है। मौसम विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए नदी तटों पर रहने वालों को विशेषतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी है।
रुद्रप्रयाग में घरों में घुसा मलबा
रुद्रप्रयाग से छह किलोमीटर श्रीनगर की ओर बदरीनाथ हाईवे पर स्थित नरकोट गांव में सुबह तड़के पांच बजे भारी बारिश से कई घरों में मलबा घुस गया। लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई। 20 दिन पूर्व में भी इस गांव में बारिश से लोगों के घरों में पानी घुस गया था।