आने वाले समय में चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के डंपिंग जोन स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बेहतर जरिया बनेंगे। सरकार ने इन डंपिंग जोन को विकसित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। चिह्नित डंपिंग जोन में पर्यटन के लिहाज से विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाई जाएंगी, जिनमें होटल, रेस्टोरेंट्स, रेस्ट हाउस, पार्क, बागवानी, व्यू प्वाइंट इत्यादि विकसित किए जाएंगे। इससे सैकड़ों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना की परिकल्पना के साथ ही डंपिंग जोन से विकसित होने वाली भूमि के सदपयोग की योजना पर काम किया जा रहा था। कुल 889 किमी लंबी सड़क परियोजना में 350 डंपिंग जोन विकसित हुए हैं। जिनमें से फिलहाल 54 डंपिंग जोन को योजना विकसित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है। इन डंपिंग जोन से 95 हजार दो सौ 44 वर्गमीटर भूमि (करीब 125 बीघा) विकसित हुई है।
यह 54 डंपिंग जोन वह हैं, जो पूरी तरह से विकसित हैं, यानी इनका लेवल सड़क तक पूरा हो चुका है। इसके अलावा दूसरे डंपिंग जोन के पूरी तरह विकसित हो जाने के बाद सैकड़ों बीघा अतिरिक्त भूमि और मिल जाएगी। जिस पर दूसरी पर्यटन योजनाएं बनाने का काम बाद में किया जाएगा। शनिवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर लंबी चर्चा की।
कहां कितने डंपिंग जोन विकसित हुए
ऋषिकेश से माणा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 पर 06 डंपिंग जोन, रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-109 पर 05 डंपिंग जोन, टनकपुर से पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर 30 डंपिंग जोन, ऋषिकेश से धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-94 पर तीन डंपिंग जोन, धरासू से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-94 पर कुल 10 डंपिंग जोन, जबकि धरासू से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-108 पर एक डंपिंग जोन उपलब्ध हैं।
मार्ग का नाम कुल लंबाई कुल डंपिंग जोन चिह्नित डंपिंग जोन साइज
नेशनल हाईवे-58 140 किमी 38 5 27875
नेशनल हाईवे-58 160 किमी 07 1 800
नेशनल हाईवे-94 95 किमी 17 10 17104
नेशनल हाईवे-94 144 किमी 40 3 5400
नेशनल हाईवे-108 124 किमी 1 1 2500
नेशनल हाईवे-109 76 किमी 18 5 14900
नेशनल हाईवे-125 150 किमी 236 30 26665
कुल योग 889 किमी 350 54 95244
( साइज वर्ग मीटर में है।)
चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत राज्य में विकसित हुए डंपिंग जोन का बेहतर इस्तेमाल करते हुए कैसे इन्हें रोजगार से जोड़ा जाए, इस पर कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। हमारा उद्देश्य है कि हम विदेशों की तर्ज पर इन डंपिंग जोन में सुविधाएं विकसित करें। ताकि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इन डंपिंग जोन के विकसित होने से निश्चित तौर स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर असवर उपलब्ध होंगे।
-सतपाल महाराज-पर्यटन मंत्री