उत्तराखंड में लुढ़कने लगा पारा, मैदानी इलाकों में बढ़ने लगी ठिठुरन; पहाड़ों पर होगा बादलों का पहरा

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देहरादून। उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच उत्तराखंड में पारा लुढ़कने लगा है। पहाड़ों पर सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ने लगी है। देहरादून में बीते तीन दिन में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है।.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रहने की आशंका है। वहीं न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है। देहरादून में बीते सोमवार को हुई बारिश के बाद से ही तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है।

न्यूनतम तापमान में गिरावट
हालांकि, तीन दिन से मौसम शुष्क है, लेकिन न्यूनतम पारे में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बीते गुरुवार को दून का न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम है। मंगलवार को यह 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आने वाले दिनों में पारे में और गिरावट आने की आशंका है।

धूप खिलने के बावजूद गिरने लगा तापमान
प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। हालांकि, इसके बावजूद तापमान गिरने लगा है। देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है, जिससे सुबह-शाम ठिठुरन बढ़ गई है।

मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास और न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने के आसार हैं।

चांदी की तरह चमकता दिखा हिमालय
वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्र में बीते दिनों हुए हिमपात के बाद गुरुवार को आसमान पूरी तरह से साफ रहा। हिमपात के बाद हिमालय का सौंदर्य और भी निखर गया। बीते दिन थल क्षेत्र से काफी दिनों बाद हिमालय का दृश्य चांदी की तरह चमकता नजर आया।

केदारनाथ में ठंड बढ़ने से पुनर्निर्माण कार्य पर बुरा असर
वहीं ठंड बढ़ने से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस वर्ष अक्टूबर माह में ही केदारनाथ धाम मे जोरदार बर्फबारी हो रही है। जबकि केदारनाथ धाम में दिसंबर प्रथम सप्ताह से ही बर्फबारी का दौर अक्सर शुरू होता है। ऐसे में दिसंबर मध्य तक केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य संचालित होते हैं लेकिन इस बार ठंड अधिका होने से पुनर्निर्माण कार्यो के प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है।

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