- मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक अभी अगले तीन से चार दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा।
- ओलावृष्टि और बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं और किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
- मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की थी, जो सही साबित भी हुई।
देहरादून : मौसम का मिजाज आज एक बार फिर बदल गया। दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। कहीं कहीं ओले भी गिरे। इससे तापमान में गिरावट आ गई। मौसम अभी राहत देने का नाम नहीं ले रहा है।
ओलावृष्टि और बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं और किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। गुरुवार को मौसम विभाग की बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी सही साबित हुई। उधर, चारधाम में भी बर्फबारी के आसार बने हैं।
उत्तराखंड में आज दिनभर बादलों और धूप की आंख-मिचौनी चलती रही। मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की थी, जो सही साबित भी हुई। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ बारिश हुई।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक अभी अगले तीन से चार दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। कहा है कि पहाड़ी जिलों में ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने के आसार बन रहे हैं।
नकदी फसलें हुई बर्बाद, किसान चिंतित
उधर पिछले तीन दिनों से मौसम के बदले मिजाज के चलते नई टिहरी में लोगों को अभी भी सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन तक बारिश होने के बाद बुधवार को भी सुबह से असमान में बादल छाए रहे और दिनभर तेज हवाएं चलती रही जिस कारण लोग परेशान रहे।
वहीं, कर्णप्रयाग क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि से रानीगढ़, चांदपुर, दशोली पट्टी सहित बधाढ़गढ़ी क्षेत्र में काश्तकारों की गेहूं, मटर, आलू व फलदार पेड़ माल्टा की पैदावार को नुकसान पहुंचा है।
जनपद चमोली में बारिश के बाद मंगलवार को धूप खिली रही, लेकिन ओलावृष्टि के चलते नुकसान पहुंचा है। कृषक प्रदीप चंद्र, राजेन्द्र सिंह, रणवीर सिंह ने बताया कि एक ओर जंगली जानवरों व बंदरों ने फसल बर्बाद कर दी है अब मौसम की मार से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।