देहरादून। प्रदेश में चालू शैक्षिक सत्र से ही नई शिक्षा नीति पर अमल करने की तैयारी है। चरणबद्ध तरीके से अमल में लाई जा रही इस नीति के पहले चरण में ऐसे बिंदुओं का क्रियान्वयन होगा, जिनमें वित्तीय बोझ न पड़े। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी के रूप में शुरू करने और इन्हें नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों से जोड़ा जा सकता है।
प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का खाका तैयार करने को टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है। टास्क फोर्स के निर्देशन में एससीईआरटी व विभाग इस कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। पहले चरण में नई शिक्षा नीति के जिन बिंदुओं को लागू किया जाना है, उनका खाका तैयार किया जा चुका है। प्री-प्राइमरी से शिक्षा की मजबूत बुनियाद डालने के लिए खास मशक्कत पर जोर दिया गया है।
इस स्तर पर ही अर्ली लैंग्वेज और अर्ली मैथेमेटिक्स कार्यक्रम के जरिये बच्चों की सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ाने और साथ ही उनमें विद्यालयों और पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने पर विशेष जोर दिया गया है।
नई नीति के तहत सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के लिए समान नीति की पैरवी की गई है। सरकारी और निजी विद्यालय समान व्यवस्था के तहत संचालित होंगे। इससे निजी विद्यालयों पर नजर रखने के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं रहेगी। सरकारी विद्यालयों में संसाधनों को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की प्रारंभिक रूपरेखा बनाई जा चुकी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली टास्क फोर्स की बैठक में इसे मंजूरी मिलने के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं।