ऋषिकेश : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में लगातार नई उपलब्धियां हासिल हो रही हैं। तीन दिन पहले रुद्रप्रयाग के नरकोटा में परियोजना की पहली एस्केप टनल के ब्रेक थ्रू के बाद अब आज ऋषिकेश के शिवपुरी में दूसरी एस्केप टनल का ब्रेक थ्रू होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे आखिरी ब्लास्ट
- ब्रेक थ्रू का अर्थ टनल की खोदाई पूरा होना होता है। अब इसके बाद टनल की फिनिशिंग की जाएगी। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस टनल में आखिरी ब्लास्ट करेंगे।
- शिवपुरी से गूलर के बीच 6.470 किमी लंबी मुख्य रेल टनल बनाई जानी है, जिसके समानांतर यह एक एस्केप टनल भी होगी।
- यह कार्य एलएंडटी को सौंपा गया है। मुख्य टनल के समानांतर बन रही एस्केप टनल पर आठ स्थानों से टनलिंग का काम किया जा रहा है।
- इसमें से एक ड्राइव में करीब ढाई किमी की एस्केप टनल की बोरिंग का कार्य अंतिम पड़ाव पर है, जो एक ब्लास्ट यानी ब्रेक थ्रू के माध्यम से आज पूरा हो जाएगा।
- इस परियाजना में पैकेज सात-ए में 1.9 किमी लंबी एस्केप टनल का ब्रेक थ्रू निर्माण कार्य विगत 23 अगस्त को पूरा हो गया था। नरकोटा से खांकरा के बीच परियोजना की इस टनल की खोदाई में 521 दिन का समय लगा।
- यह परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तहत 105 किलोमीटर रेल लाइन सुरंगों से होकर गुजरेगी।
- परियोजना पर कुल 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।
- ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। जिसमें के कार्य में रोज नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।
- इसके तहत रेल विकास निगम की कार्यदाई संस्थाओं ने विभिन्न फेस में पांच माह के भीतर 25 किलोमीटर टनलिंग का काम पूरा किया था।
- परियोजना में अब तक 50 किलोमीटर से ज्यादा टनलिंग का काम पूर्ण किया जा चुका है।
देश की सबसे लंबी डबल ट्यूब रेल सुरंग
इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) जर्मनी से पहुंचीं हैं। इन्हें निर्माण स्थल पर पहुंचाकर रि-असेंबल किया जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब दो माह का समय लगेगा। जिसके बाद दिसंबर से यह मशीन टनलिंग का काम शुरू कर देंगी।