देहरादून। एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं के उत्थान को प्रदेश सरकार प्रभावी कार्ययोजना तैयार करेगी। महिला कल्याण और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इन महिलाओं के साथ संवाद के दौरान यह भरोसा दिलाया। उन्होंने इन महिलाओं के विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाने और वे जिस क्षेत्र में कार्य करना चाहती हैं, उसके प्रस्ताव मंगवाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और भविष्य में इनसे संबंधित कल्याणकारी योजनाएं तैयार करने के मकसद से महिला कल्याण और बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने इन महिलाओं से संवाद किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी ऊधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, खटीमा, नैनीताल की सात पीड़िताओं ने मंत्री के समक्ष अपनी व्यथा रखी। इनमें से अधिकांश को अब भी उपचार की दरकार है। एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उनके विकलांगता प्रमाणपत्र भी नहीं बने हैं। इन महिलाओं ने मंत्री को बताया कि रोजगार और स्वरोजगार के अवसर न मिलने से उन्हें दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा रहा है। और तो और पेंशन तक उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने रोजगार और स्वरोजगार के मद्देनजर अपनी-अपनी प्राथमिकताएं भी रखीं और सरकार से मदद का आग्रह किया।
महिला कल्याण और बाल विकास राज्यमंत्री आर्य ने एसिड अटैक पीड़िताओं को हिम्मत न हारने और संघर्ष जारी रखने को प्रोत्साहित किया। भरोसा दिलाया कि एसिड अटैक का दंश झेल रही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को रणनीति तैयार की जाएगी। उनकी योग्यतानुसार रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने को कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने सभी को बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने और कोरोना संक्रमण से बचने को भी कहा।
राज्यमंत्री आर्य ने सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं के विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाने को तुरंत कदम उठाएं। संबंधित महिलाएं जिस क्षेत्र में कार्य करना चाहती है, उसका प्रस्ताव जल्द से जल्द निदेशालय को भिजवाया जाए। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि जिन पीड़ित महिलाओं की पेंशन लगनी है, उसके लिए कार्यवाही शुरू की जाए।