ऐसे कैसे उत्तराखंड बनेगा आयुष प्रदेश, 55 फीसदी से ज्यादा मेडिकल छात्र फेल

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आयुष प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड के आयुष कॉलेजों का इस साल रिजल्ट खराब रहा है। बैच 2017, 2018 और 2019 के रिजल्ट में करीब 40 से 45 फीसदी छात्र सफल हो सके हैं। ऐसे में कई छात्र आरटीआई लगाकर कॉपियां मांग रहे हैं। साथ ही, पुनर्मूल्यांकन की मांग उठा रहे हैं। उधर, हर माह सैकड़ों आरटीआई से विवि प्रबंधन परेशान है। जल्द ही इस बारे में विवि अफसरों और कॉलेज प्रबंधनों की बैठक की जाएगी।

विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीके गुप्ता कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास की वजह से छात्रों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है। छात्र अब खुद ऑफलाइन क्लास की मांग कर रहे हैं। छात्रों की ओर से महीने में 200 से ऊपर आरटीआई लगाई जा रही है। इससे मानव संसाधन और कागज की खपत ज्यादा हो रही है। इसके विकल्प पर कुलपति से मंथन किया जा रहा है।

उधर, विवि की ओर से नोटिस भी जारी किया गया कि यहां पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं है। केवल पुनर्गणना की व्यवस्था है। रिजल्ट में विवि के तीन सरकारी परिसरों का रिजल्ट कुछ हद तक ठीक है। पर, निजी कॉलेजों का रिजल्ट ज्यादा खराब है। कई कॉलेजों में चार-चार छात्र पास हुए हैं। अब बड़ी संख्या में छात्रों को बैक देनी पड़ रही है।

रिजल्ट को लेकर पूरी पारदर्शिता बरती गई है। सभी बैच की मार्कशीट जारी की जा रही है। छात्रा को शून्य अंक देने के मामले में कॉलेज की गलती प्रतीत हो रही है। इसकी जांच कराई जा रही है। छात्रों को आरटीआई में जानकारी लेने का अधिकार है। इसका दूसरा रास्ता निकालने को जल्द ही कुलपति, विवि अफसरों एवं कॉलेजों की बैठक बुलाई जा रही है। ऑनलाइन क्लास की वजह से रिजल्ट काफी प्रभावित हुआ है।
डॉ. पीके गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक 

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