देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ ने चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच नए मामलों की संख्या भी बढ़ रही है। जबकि जांच उस अनुपात में नहीं बढ़ी। पिछले सप्ताह भी लक्ष्य की तुलना में महज 65 प्रतिशत ही जांच की गई है।
कोरोना के आंकड़ों का विश्लेषण कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना के 93 सप्ताह पूरे हो चुके हैं। 93 वें सप्ताह (19-25 दिसंबर) के बीच राज्य में 188 मामले आए हैं। यह चार माह में सबसे ज्यादा मामले हैं। इस हिसाब से जांच पर अधिकाधिक फोकस करना चाहिए। पर ऐसा हो नहीं रहा है। एक लाख 75 हजार जांच के लक्ष्य में सिर्फ एक लाख 13 हजार 988 सैंपल की ही जांच पिछले सप्ताह हुई है। उनका मानना है कि ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच राजनीतिक दलों व आमजन को जिम्मेदारी लेने का समय आ गया है। अन्यथा परिणाम भयावह होंगे।
राज्य में कोरोना के 13 नए मामले
उत्तराखंड में रविवार को कोरोना के 13 नए मामले आए हैं। वहीं, 18 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। कोरोना संक्रमित किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। फिलवक्त राज्य में कोरोना के 231 सक्रिय मामले हैं। बागेश्वर एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर कोई सक्रिय मामला नहीं है। जबकि देहरादून में सबसे अधिक 82 व नैनीताल में 45 सक्रिय मामले हैं। छह जिलों में सक्रिय मामले दस से कम हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी और सरकारी लैब से 12 हजार 241 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 12 हजार 228 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक छह लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में दो-दो और हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल व पिथौरागढ़ में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला है। बता दें, अब तक राज्य में कोरोना के तीन लाख 44 हजार 779 मामले आए हैं, जिनमें तीन लाख 30 हजार 938 (95.99 प्रतिशत) स्वस्थ हो गए हैं। राज्य में अब तक कोरोना संक्रमित 7416 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।