कई राज्यों में लॉकडाउन से आधी हुई रेल यात्रियों की संख्या, यात्री निरस्त करा रहे आरक्षण

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महाराष्ट्र, नई दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन और कर्फ्यू की वजह से ट्रेनों में यात्रियों की संख्या तेजी से घटी है। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में यात्री आरक्षण निरस्त करा रहे हैं। बुधवार को 500 से अधिक यात्रियों ने आरक्षण निरस्त कराया। इससे रेलवे को करीब साढ़े चार लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा।महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी, जनशताब्दी के अलावा देहरादून- प्रयागराज लिंक एक्सप्रेस, देहरादून-कोटा नंदा देवी एक्सप्रेस, देहरादून-पुरानी दिल्ली मसूरी एक्सप्रेस समेत ज्यादातर ट्रेनों में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। कई माह पहले जिन यात्रियों ने विभिन्न स्थानों के लिए आरक्षण कराया था।

वे यात्री आब आरक्षण निरस्त कराने रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को 500 से अधिक यात्रियों ने आरक्षण निरस्त कराया।  मुख्य वाणिज्य निरीक्षक एसके अग्रवाल ने बताया कि आरक्षण निरस्त कराने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए अतिरिक्त काउंटर खोलने के साथ ही रिफंड के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की गई है।

चेकिंग स्टाफ में ड्यूटी से कन्नी काट रहे रेल कर्मचारी
रेलयात्रियों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के साथ ही चेकिंग स्टाफ से जुड़े कर्मचारियों को भी संक्रमित होने का डर सताने लगा है। देहरादून में तैनात चेकिंग स्टाफ के तीन कर्मचारी संक्रमित भी हो चुके हैं। इससे चेकिंग स्टाफ में ड्यूटी से कर्मचारी कन्नी काट रहे हैं।

दून रेलवे स्टेशन पर अब तक 5000 से अधिक यात्रियों का टेस्ट किया जा चुका है। बीते 15 दिनों में 300 से अधिक यात्री संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित यात्रियों के इसी आंकड़े को लेकर चेकिंग स्टाफ के कर्मचारी खौफ जदा हैं। देहरादून में तैनात चेकिंग स्टाफ के तीन कर्मचारी भी संक्रमित हो चुके हैं। जो फिलहाल घरों में रहकर इलाज करवा रहे हैं। कई कर्मचारियों के  परिजन भी संक्रमित हैं।

इन सभी कर्मचारियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। कई कर्मचारियों के संक्रमित होने और आइसोलेशन में होने की वजह से चेकिंग स्टाफ में खौफ है। चेकिंग स्टाफ से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि यात्रियों के पास जाकर टिकट चेक करने के साथ ही तमाम सुविधाओं का ध्यान भी देना होता है। ऐसे में संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है।

 

 

 

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