देहरादून। प्रदेश के मैदानी इलाकों में कोरोना के एक्टिव केस के मामले में दून पहले पायदान पर पहुंच गया है। जबकि हरिद्वार दूसरेए ऊधमसिंह नगर तीसरे और नैनीताल चौथे स्थान पर है।
जिले में मौजूदा समय में कोरोना के 1809 एक्टिव केस हैं। जबकि हरिद्वार में 1362ए ऊधमसिंह नगर में 1327 तथा नैनीताल में 995 एक्टिव मामले हैं। हालांकि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट दून में हुए हैं। दून में 73290ए हरिद्वार में 72778ए ऊधमसिंह नगर में 69094 तथा नैनीताल में 36586 कोरोना टेस्ट अब तक हो चुके हैं।
बता दें कि अगस्त में दून मैदानी इलाकों में चौथे पायदान पर थाए लेकिन अचानक तेजी से कोरोना संक्रमितों के मामले बढ़ने के कारण एक सप्ताह के भीतर दून पहले पायदान पर पहुंच गया।
जिले में कोरोना के 235 नए मामले सामने आए
देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण का फैलाव बढ़ता ही जा रहा है। लगातार तीसरे दिन भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 200 के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गई। रविवार को जिले में कोरोना संक्रमण के 235 नए मामले सामने आए हैं।
अब तक जिले में कोरोना संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 5376 पहुंच चुकी है। जबकि कोरोना संक्रमित 160 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। रविवार को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया।
54 नए कोरोना संक्रमित एम्स की जांच रिपोर्ट में आए हैं। दून अस्पताल में पहले से भर्ती 32 मरीजों में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। कोविड केयर सेंटर में भर्ती 25ए क्वारंटीन सेंटर में भेजे गए 22ए जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से आठ और मिलिट्री हॉस्पिटल से चार नए संक्रमित मामले रिपोर्ट किए गए हैं। सीएमओ डॉण् अनूप डिमरी ने लोगों से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें ताकि कोरोना के संक्रमण को कम से कम किया जा सके।
पूर्व शोध अधिकारी ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
कोरोना संक्रमित पूर्व अपर शोध अधिकारी ने दून अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यह शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की अपील की है। पूर्व अधिकारी ने बताया कि वह जनरल वार्ड पांच में भर्ती हैं। जहां पर शुगर मरीज के लिए न तो नाश्ता आ रहा है और न चाय।
यहां सफाईए सैनिटाइजर की व्यवस्था भी सही नहीं है। मीडिया को भेजी मार्मिक अपील में अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2013.14 में तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉण् आरपी भट्ट के साथ इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत का काम हमने ही करवाया था। तब हमें पता ही नहीं था कि एक दिन हमारी यहां दुर्दशा होगी।
इस संबंध में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉण् आशुतोष सयाना ने बताया कि पूर्व अधिकारी से वार्ता हो चुकी है। उनकी समस्याओं को दूर कर दिया गया है और सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना मरीजों के इलाज और अन्य व्यवस्था में किसी भी तरह की कोताही बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी।