कोरोना काल के चलते इस बार शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में होने वाले दाखिले की प्रक्रिया पर भी बुरा असर पड़ा है। पिछली बार की तुलना में इस बार विभाग को कम ही आवेदन मिले हैं, जो आवेदन मिले हैं, उनमें भी अधूरी जानकारी के कारण सत्यापन में पेंच फंसा है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को हर साल आवेदन प्रक्रिया शुरू होने का बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार कई पात्र बच्चे इसका लाभ लेने से छूट सकते हैं।
इसका मुख्य कारण जहां कोरोना संक्रमण से पैदा हुई परिस्थितियां हैं। वहीं, बजट का रोना रो रहे कई स्कूलों ने भी आरटीई पंजीकरण में दिलचस्पी नहीं ली है। आवेदन प्रक्रिया का प्रचार-प्रसार भी कम हुआ है।
महज 1476 ने किया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
आरटीई का जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों ने भी आवेदनों की कम संख्या पर चिंता जताई है। बताया कि अभी तक महज 1476 ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है। इनमें से विभाग के पास सिर्फ 670 हार्ड कॉपी ही पहुंची हैं। जबकि, इनमें से 17 के दस्तावेज पूरे नहीं हैं। जबकि पिछली बार विभाग को 1900 आवेदन मिले थे। वहीं, कई आवेदनों में मोबाइल नंबर व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां गलत हैं। ऐसे में आवेदकों को खोजने में भी दिक्कतें आ रही हैं।
बैठक दस को, अहम फैसले की संभावना
विभागीय अधिकारियों के अनुसार 8 जून तक और आवेदनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। 10 जून को प्रदेश स्तर पर लॉटरी निकालने की प्रक्रिया के लिए अहम बैठक प्रस्तावित है। इसमें आवेदन प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जा सकते हैं।