राज्य में करोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुवे नियमो में बदलाव कर इसके लिए नई एसओपी भी जारी कर दी गई है.बता दें कि प्रदेश में इस समय कोरोना के 17,293 एक्टिव केस हैं. रविवार को 2630 नए मामले सामने आए थे. वहीं 12 लोगों की मौत हुई थी. प्रदेश में कोरोना से अभी तक 1868 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे कैसे करोना पर काबू पाया जा सके ये चिंता का विषय बनता जा रहा है.स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं,सरकार जहां सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद होने की बात कर रही है पर जिस तरह से कोरोना के मामले प्रदेश में बढ़ रहे हैं उससे सरकार भी परेशान नजर आ रही है। कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तराखंड में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. प्रदेश में हालात चिंताजनक हो गए हैं. उत्तराखंड में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने हालात को देखते हुए पहले की तरह सख्ती करना शुरू कर दिया है. सबसे ज्यादा मुश्किलें शादी-समारोह की तैयारी में लगे लोगों को होने वाली हैं. सरकार ने अब शादी-समरोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 200 से घटाकर 100 करने का फैसला किया है. वही राज्य में मास्क को लेकर भी आज से सख्ती बरती जाएगी और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन न करने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।रविवार शाम को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आपात बैठक बुलाई थी. इसमें कोरोना के वर्तमान हालात पर चर्चा की गई थी. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कुछ सख्त कदम उठाने का फैसला लिया था. इसमें शादी-समारोह में लोगों की संख्या से जुड़ा हुआ फैसला भी था. साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में करोना के बढ़ते मरीजों की तादात को देखते हुवे अधिकारियो से कहा की बेड की संख्या बढ़ाई जाए ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को अपने अपने जिले में कोविड कंट्रोल रूम स्थापित कर कोविड की हर पल की रिपोर्ट पर नजर रखने के लिए कहा है ऑक्सीजन की कमी न रहे है और कोविड से राज्य में बढ़ रही मृत्यु दर पर नजर रखने के निर्देश दिए है खासतौर पर देहरादून जिले में जिस प्रकार तेजी के साथ मरीज बढ़ रहे है उससे अब उत्तराखंड प्रशासन को भी चिंता होने लगी है क्योंकि देहरादून में मरीजों की संख्या बढ़ रही लेकिन बेड की संख्या मरीजों के हिसाब से कम है।स्वास्थ्य सचिव ने बताया फिलहाल आक्सीजन की कोई किल्ल्त नहीं है,प्रदेश के तीनो ऑक्सीजन प्लांट सही से काम कर रहे हैं। केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक फिलहाल इंड्रस्ट्रियल आक्सीजन सप्लाई को रोका गया है और मेडिकल की सप्लाई जारी है। रेमेडिसीवर इंजेक्शन की स्तिथि पहले से बेहतर है.स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि फिलहाल बेड और वेंटिलेटर की स्तिथि कंट्रोल में है प्रमुख अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
-अमित नेगी स्वास्थ सचिव