कोरोना के चलते बाहरी जिलों एवं राज्यों में नहीं हो पाई लकड़ी की सप्लाई, वन निगम के तीनों डिपो फुल

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देहरादून। कोरोना की मार या उसकी वजह से उत्पन्न होने वाली दिक्कतों से वन विकास निगम भी अछूता नहीं है। लगातार दूसरे वर्ष कोरोना की वजह से निगम लकडिय़ों का उठान नहीं कर पाया। हालत यह है कि निगम को अब वन विभाग से लीज पर जमीन लेकर लकडिय़ों को स्टॉक करना पड़ रहा है।

डिपो अधिकारियों का कहना है कि हर वर्ष डिपो में 50 हजार घन मीटर माल स्टॉक होता था। समय पर उसका उठान भी हो जाता था। कोरोना महामारी के कारण निगम में लकडिय़ों का स्टॉक डिपो की क्षमता से अधिक एक लाख घन मीटर से उपर पहुंच गया है। लकड़ी की अधिकता और जगह की कमी के कारण निगम को वन विभाग से 7.274 हेक्टेयर भूमि 10 साल के लिए लीज पर लेनी पड़ी है। समस्या यह है कि यह स्टॉक बिना चाहर दीवारी व सुरक्षा के खुले में रखा गया है।

माल नहीं उठा तो बेसकीमती लकड़ी बारिश से खराब भी हो सकती है। लकड़ी खराब हुई तो उसे कम दामों में उठाना पड़ेगा जिससे राजस्व को काफी अधिक नुकसान होगा। वन विकास निगम के डीएसएम एएस कादली ने बताया कि कटान की लकड़ी पिथौरागढ़ व चम्पावत जिले से आई है। कुछ दिनों में और कटी हुई लकड़ी आ सकती है। बताया कि कोरोना की वजह से नीलामी प्रक्रिया नहीं हो सकी है। लकड़ी के ठेकेदार भी माल की डिमांड नहीं दे रहे हैं। फिलहाल लीज पर ली गई जमीन की घेराबंदी लकडिय़ों की जड़ों से की गई है।

वन विकास निगम टनकपुर के डीएसएम एएस कादली ने बताया कि कोरोना की वजह से गत वर्ष और इस वर्ष लकडिय़ों का उठान नहीं हो पाया। इससे राजस्व को नुकसान हुआ है। टनकपुर के डिपो एक, दो और तीन में क्षमता से अधिक लकड़ी डंप है। वन विभाग से लीज पर ली गई जमीन पर भी स्टॉक फुल होने की कगार पर है।

 

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