खाद्य तेल के इस्तेमाल से बनेगा बायोडीजल

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देहरादून। संवाददाता। देहरादून के भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में लगाये गये प्लांट में अब इस्तेमालशुदा खाघ तेल से बायोडीजल बनाया जाएगा। शुक्रवार को स्थानीय होटल में आयोजित एक समारोह में पहली रिपर्पज यूज्ड कुकिंग आयल (रुको) एक्सप्रेस झंडी दिखाकर आईआईपी में लगाये गये प्लांट के लिए रवाना किया गया।

राज्य के सचिव एवं खाघ आपूर्ति आयुक्त डॉ. पंकज पांडेय, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक रंजन रे और गति फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर 300 लीटर यूज्य खाघ तेल के साथ रुको एक्सप्रेस को रवाना किया। इस मौके पर आयोजित समारोह में खाघ सुरक्षा आयुक्त डॉ. पंकज पांडेय ने कहा कि खाघ तेल का जितनी बार इस्तेमाल किया जाता है, वह स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक होता जाता है।

उन्होंने होटलों, रेस्टोरेंट और खाघ सामग्री बनाने वाले अन्य संस्थानों से अपील की कि वे तीन से ज्यादा बार कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल न करें और तीन बार इस्तेमाल के बाद बचा हुए तेल बायो डीजल बनाने के लिए दे दें। देहरादून के आईआईपी में वेस्ट खाघ तेल से बायो डीजल बनाने का संयंत्र लगाये जाने को उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताया। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉ. रंजन रे ने कहा कि तीन बार इस्तेमाल हो चुके खाघ तेल से बायो डीजल भी बनाया जा सकता है और जेट फ्यूल भी।

गति फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने बताया कि हर व्यक्ति एक महीने में लगभग डेढ़ लीटर खाघ तेल इस्तेमाल करता है। उनका कहना था कि जितनी ज्यादा मात्र में खाघ तेल का इस्तेमाल किया जाता है, उतना ही ज्यादा यूज्ड कुकिंग आयल में पैदा होता है।

इस मौके पर खाघ आपूर्ति विभाग के जिला और आईआईपी के कई अधिकारियों के साथ ही गति फाउंडेशन से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद थे। आनंदम, कुमार स्वीट शाप, बिस्ट्रो, ऐरोडिने ऐरोडिने, एल्लोरस और अन्य कई कैफे, मिठाई और होटल संचालक मौजूद रहे।

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