कोरोना गर्भवती महिलाओं के साथ ही गर्भस्थ शिशुओं के लिए भी मुसीबत खड़ी कर रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमित कई महिलाओं में समय पूर्व प्रसव के साथ ही रक्तस्राव और गर्भपात की गंभीर समस्या देखने को मिल रही है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। अगर गर्भवती कोरोना संक्रमित हो जाती है तो कुछ एहतियात बरतकर परेशानियों से बचा जा सकता है। कहा कि सुकून देने वाली बात यह है कि स्त्रीरोग विशेषज्ञ की देखरेख में ज्यादातर गर्भवती महिलाओं का इलाज कर न सिर्फ उनकी वरन गर्भस्थ शिशु की जिंदगी को बचा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण दिखते ही महिलाएं आरटी पीसीआर टेस्ट कराएं और विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज कराएं।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की स्त्री रोग विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ विनीता गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमित कई महिलाओं में समय से पूर्व प्रसव की शिकायतें देखने को मिल रही हैं। इससे नवजातों को नियोंनेटल केयर यूनिट में रखना पड़ रहा है। वहीं, कई महिलाओं में रक्तस्राव की भी समस्या देखने को मिल रही है।
ओलिगो हाइड्रो एमनॉयस की समस्या होने से गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर
डॉ. विनीता गुप्ता के अनुसार कोरोना संक्रमित कई गर्भवती महिलाओं में ओलिगो हाइड्रो एमनॉयस की समस्या देखने को मिल रही है। इससे गर्भस्थ शिशु के चारों तरफ पानी की कमी हो रही है। इसका असर शिशु के विकास पर भी पड़ रहा है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने को लेकर हर संभव कदम उठाएं। कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद गर्भवती महिलाएं तत्काल स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर गर्भस्थ शिशु की जांच कराएं।
गर्भवती महिलाएं क्या करें-क्या न करें
– कोरोना संक्रमण से बचने को लेकर मास्क लगाने के साथ ही हर संभव कदम उठाएं।
– कोरोना संक्रमित हो गई हैं तो परिजनों से छुपाए नहीं तत्काल आरटी पीसीआर टेस्ट कराने के साथ ही इलाज कराएं।
– खानपान पर खासा ध्यान दें। विटामिनयुक्त चीजें खाने के साथ ही दूध, अंडा के साथ हरी सब्जियों को खानपान में शामिल करें।
– गर्भस्थ शिशु की हलचल पर भी ध्यान रखें। यदि कुछ असामान्य लगे तो तत्काल विशेषज्ञ को दिखाएं।
– हमेशा सकारात्मक सोच रखें, बीमारी के बारे में बहुत अधिक चिंता न करें।