चमोली। चमोली गढ़वाल की नीती घाटी में आई आपदा से विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी है। नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सर्वे रिपोर्ट में टनल में अच्छा एयर गैप मिला है। इस रिपोर्ट के बाद अब रेस्क्यू दल ने अगली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे कर रही नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) से राज्य सरकार ने दबी टनल के भूगर्भीय अध्ययन के लिए मदद मांगी थी। जिस पर नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) के मिशन हेड वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुभाष चंद्रा की देखरेख में मंगलवार को चमोली आपदा क्षेत्र में सर्वे शुरू किया था। मंगलवार रात को ही एनजीआरआइ ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट एसडीआरएफ को सौंप दी थी। डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि टीम ने यहां टनल के अध्ययन के लिए दो दौर का सर्वे किया था। उन्होंने बताया कि टनल का अध्ययन कर गोपनीय रिपोर्ट एसडीआरएफ को सौंप दी गई है।
इसीलिए ड्रिलिंग रोककर अब फिर से मुख्य टनल से मलबा हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। टनल के भीतर रविवार से 34 लोग फंसे हुए हैं। ये सभी फलशिंग टनल में काम करने गए थे। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बचाव अभियान के तहत हम कल तक सुरंग में मलबा हटाने का काम कर रहे थे। अंदर देखने के लिए हमने छोटी सुरंग में ड्रिलिंग भी शुरू की थी, लेकिन मशीन के टूटते ही इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।