जापान और जर्मनी में आयुर्वेद छात्रों के लिए नौकरी के द्वार खुले गए हैं। भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने आयुर्वेद कॉलेजों से नर्सिंग, योग, पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा पाठ्यक्रम में पासआउट छात्रों का ब्योरा गया है। जिन्हें कौशल एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके बाद उन्हें विदेशों में नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश सरकार को जापान व जर्मनी से नर्सिंग और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में नौकरी के लिए प्रशिक्षित युवाओं की मांग का प्रस्ताव सरकार को मिला है। आयुर्वेद नर्सिंग, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म कोर्स में पासआउट छात्रों को विदेशों में नौकरी का अवसर मिले।
इसके लिए भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त 25 निजी आयुर्वेद व पैरामेडिकल कॉलेजों से छात्रों की सूची मांगी गई है। इस संबंध में कॉलेजों को पत्र जारी किया गया। सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने भी परिषद को आयुर्वेद छात्रों को कौशल एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण देने कर विदेशों में नौकरी के अवसर दिलाने के लिए दिशानिर्देश दिए हैं।
नये सत्र से शुरू होगा नवीन पाठ्यक्रम
परिषद की रजिस्ट्रार नवर्दा गुसाईं ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा में सुधार लाने के लिए नर्सिंग, पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा कोर्स में नये सत्र से नवीन पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। जल्द ही परिषद की ओर से सभी कॉलेजों को पाठ्यक्रम पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इसी महीने के अंत से परीक्षाएं शुरू की जाएगी। जल्द ही परिषद की ओर से परीक्षा तिथि घोषित की जाएगी। परीक्षा के लिए नया पैटर्न तैयार किया गया है।