देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जिला प्रवास कार्यक्रम सफल साबित हो रहा है। प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री न केवल विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर रहे हैं, बल्कि इनकी समीक्षा भी कर रहे हैं। इसके साथ ही वह आमजन से भी सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अभी तक राज्य के 13 में से छह जिलों में प्रवास कर चुके हैं।
अभी तक इन जिले में कर चुके हैं प्रवास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ समय पहले निर्णय लिया था कि वह शुक्रवार व शनिवार को विभिन्न जिलों के प्रवास पर रहेंगे। इस कड़ी में वह अभी तक रुद्रप्रयाग, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले का प्रवास कर चुके हैं।
इस दौरान उन्होंने इन जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही मुख्यमंत्री घोषणाओं पर हुए कार्य और उनकी प्रगति के संबंध में जानकारी ली। समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री लापरवाह व गैर जिम्मेदार अधिकारियों को भी सख्त हिदायत दे रहे हैं।
सीएम धामी स्थानीय जनता से कर रहे सीधा संवाद
इन बैठकों में अधिकारियों को पूरे होमवर्क और रोडमैप के साथ आने के निर्देश दिए गए हैं। समीक्षा बैठकों के साथ ही मुख्यमंत्री सीधा संवाद कर रहे हैं। वह कस्बों व बाजार में स्थानीय जनता से संवाद कर उनकी समस्याओं की जानकारी ले रहे हैं और साथ ही इनके निराकरण को भी मौके से ही दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।
इसी कड़ी में वह सुबह व शाम पैदल सैर कर स्थानीय व्यापारियों, किसानों व महिलाओं से बातचीत भी कर रहे हैं। साथ ही वह युवाओं और मातृशक्ति के साथ जनसरोकारों से जुड़े विषयों पर परिचर्चा भी कर रहे हैं।
‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ अभियान को संचालन समिति गठित
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उत्तराखंड में भी भाजपा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ अभियान को व्यापक रूप से संचालित करेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अभियान के लिए पूर्व प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट की अगुआई में राज्य स्तरीय संचालन समिति गठित की है।
अभियान के दौरान उत्तराखंड में रहने वाले विभिन्न राज्यों के निवासियों के बीच उनके सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रमों को धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे उत्तराखंड भी एक भारत का संदेश देते हुए श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढऩे में सहभागी बनेगा।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तरीय संचालन समिति संयोजक सुरेश भट्ट के अलावा विनय रोहिला व वीरेंद्र बिष्ट को सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अभियान का उद्देश्य विभिन्न प्रदेशों के नागरिकों के बीच एकता और सांस्कृतिक मिलाप की भावना को अधिक प्रगाढ़ बनाना है।