देहरादून। कोविड-19 का असर पढ़ाई के साथ ही शिक्षा महकमे की तमाम गतिविधियों पर भी पड़ रहा है। इस बीच महकमे ने शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति को लेकर कसरत तेज कर दी है। वहीं तबादलों से संबंधित तैयारी तीन मई के बाद ही प्रारंभ होंगी।
लॉकडाउन की वजह से शिक्षा महकमे में भी जरूरी कार्यों को छोड़कर अन्य कामकाज ठप है। ऐसे में महकमे में तबादलों को लेकर भी देरी होना तय माना जा रहा है। बीते वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते प्रदेश में तबादलों को देरी से अंजाम दिया जा सका था। शिक्षकों के तबादले 25 जून तक किए तो गए, लेकिन विसंगतियों के चलते इन पर रोक लगा दी गई थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश और मुख्य सचिव समिति के स्तर पर फैसले के बाद कई पाबंदियों के साथ सीमित संख्या में तबादले किए जा सके।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने लॉकडाउन के दौरान ही विभाग के आला अधिकारियों को तमाम जरूरी कार्यों के लिए कसरत शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें एक अड़चन महकमे के दफ्तरों में कार्मिकों की अनुपस्थिति है। ऐसे में महकमे को प्राथमिकता वाले कार्यों को निस्तारित करने में दिक्कतें हो रही हैं। शिक्षक संगठनों के दबाव के चलते महकमे ने शिक्षकों, कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों की पदोन्नति के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। माना जा रहा है कि अगले माह मई तक पदोन्नति सूचियां जारी हो सकेंगी।
अलबत्ता, तबादलों को लेकर कार्यवाही तीन मई के बाद शुरू होने के संकेत हैं। तीन मई तक लॉकडाउन लागू है। तीन मई के बाद सरकारी महकमों को कामकाज की छूट मिली तो तबादलों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। शिक्षकों के तबादलों के लिए तीन तरह से सूचियां तैयार की जानी हैं। इनमें अनिवार्य, अनुरोध और गंभीर रूप से बीमारी के आधार पर तबादलों को अंजाम दिया जाना है। संपर्क करने पर शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने पर एजुकेशन पोर्टल पर अपडेट डाटा अपलोड करने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।