देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसकी सबसे ज्यादा मार दून पर पड़ रही है। जिस कारण सिस्टम की भी बेचैनी बढ़ने लगी है। इसी को देखते हुए अब दून मेडिकल कालेज प्रशासन ने भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। सोमवार से अस्पताल में सामान्य आपरेशन नहीं होंगे। इसके अलावा फ्लू, खांसी, जुकाम और कोरोना से मिलते जुलते लक्षण वाले मरीजों की ठोस निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं। कोरोना के स्टेट कार्डिनेटर और दून अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस खत्री ने बताया कि अग्रिम आदेशों तक इमरजेंसी को छोड़कर सामान्य आपरेशन पर रोक लगा दी गई है। बता दें, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय मुख्य कोविड-अस्पताल है। नई व्यवस्था से हड्डी, आंख, कान, नाक, पेट संबंधी आपरेशन के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की दिक्कत बढ़ जाएगी।
एक मरीज अस्थायी अस्पताल में भर्ती
कोरोना संक्रमित एक मरीज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बने अस्थायी अस्पताल में भर्ती किया गया है। डा. खत्री ने कहा कि कोरोना या उसके नए स्वरूप ओमिक्रोन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ठीक नहीं है। सबसे लगातार अपील की जा रही है कि मास्क और शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन करें। अब अस्पताल में मरीजों का आना और भर्ती होना भी शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर में 250 बेड की व्यवस्था है। यहां अस्पताल के लैब तकनीशियन को भर्ती किया गया है। जिसकी स्थिति सामान्य है।
बिना मास्क प्रवेश बंद
दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में ओपीडी अभी चलती रहेगी, पर बढ़ते संक्रमण के बीच अधिकारी ई-संजीवनी को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं। डा. खत्री ने बताया कि अस्पताल में बिना मास्क प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। बिना मास्क अस्पताल आने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के स्तर से चालान कार्रवाई की जाएगी।
तीमारदार को दिखाना होगा टीकाकरण प्रमाण पत्र
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आइपीडी में भी सख्ती बरती जा रही है। डा. खत्री ने बताया कि तीमारदार को वैक्सीन की दोनों खुराक का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही मरीज के साथ रहने की मंजूरी मिलेगी। एक मरीज के साथ अधिकतम दो तीमारदार ही रुक पाएंगे। इसके अलावा जल्द पास सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। मुख्य आइसीयू को भी कोरोना के मरीजों के लिए खोला जा रहा है। जरूरत पड़ने पर व्यवस्था बढ़ाई जाएगी।