देहरादून। दिल्ली के अग्निकांड के बाद उत्तराखंड में नियमों को लेकर अग्निशमन विभाग ने एक बार फिर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। देहरादून में पटेलनगर औद्योगिक क्षेत्र में विभाग से एनओसी नहीं लेने वाले सात फैक्ट्री संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। पहले भी कई फैक्ट्री संचालकों को नोटिस भेजे गए थे, लेकिन करीब 45 प्रतिशत संस्थानों ने इसे तवज्जो नहीं दी। विभाग इन संस्थानों पर दोबारा शिकंजा कसेगा।
सूरत के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने की घटना के बाद अग्निशमन विभाग ने व्यापक स्तर पर कोचिंग इंस्टीट्यूट, फैक्ट्री आदि का निरीक्षण कर नोटिस जारी किए थे। विभाग का दावा है कि 55 प्रतिशत संस्थानों ने अग्निशमन उपकरण लगा लिए हैं, लेकिन 45 प्रतिशत संस्थानों ने कोई कदम नहीं उठाया।
दिल्ली की एक फैक्ट्री में अग्निकांड के बाद महकमा फिर सक्रिय हो गया है। जिला अग्निशमन अधिकारी राय सिंह राणा ने फायर उपकरण न लगाने वाले संस्थानों और फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
पटेलनगर औद्योगिक क्षेत्र में हुई छापेमारी में सात फैक्ट्रियों में एनओसी नहीं मिली। इनमें सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं। एल्फो पैकेजिंग, डिफेंस एक्यूमेंटस, टेलब्रोस प्रालि, दून इंजीनियरिंग और क्लिप क्लेवर इंडिया आदि के फैक्ट्री संचालकों को नोटिस जारी कर मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अग्निशमन अधिकारी राणा का कहना है कि दुर्भाग्य की बात है कि संस्थान संचालक ही अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं हैं।
प्राथमिक स्तर के भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ज्वलनशील पदार्थ रखने, तारों के जाल और खुले तार रखकर हादसों को न्यौता दिया जा रहा है। बता दें कि अग्निशमन विभाग की नियमावली नहीं होने के कारण लापरवाही बरतने वाले संस्थानों के खिलाफ अधिकारियों को कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।