देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना वायरस की रफ्तार फिर बढ़ने लगी है। दिसबंर के दूसरे पखवाड़े में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इससे आमजन के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है। पहले और द्वितीय पखवाड़े का आकलन करें तो पता चलता है कि स्थिति किस कदर चिंताजनक है। माह के शुरुआती 15 दिन के मुकाबले द्वितीय पखवाड़े में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। दिसंबर प्रथम पखवाड़े में राज्य में कोरोना के 258 मामले आए थे। जबकि, 16 से 30 दिसंबर के बीच यह संख्या बढ़कर 493 पहुंच गई है। दिसंबर की शुरुआत में हर दिन औसतन 17 मामले आ रहे थे। अब यह औसत 32 मरीज प्रतिदिन का है।
दून बना कोरोना का हाटस्पाट
राज्य में कोरोना का पहला मामला दून में आया था। बीते साल 15 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के एक प्रशिक्षु में कोरोना की पुष्टि हुई थी। तब से अब तक दून लगातार चिंता का सबब बना रहा है। कोरोना चरम पर रहा तब भी और ढलान पर रहा तब भी, यहां मामलों में एक तरह की निरंतरता रही है। दिसंबर में राज्य में कोरोना के 751 मामले आए, जिनमें 273 देहरादून जनपद में आए हैं। इस लिहाज से प्रदेश में आए कुल मामलों में 36 प्रतिशत दून में मिले। यही कारण है कि सक्रिय मामले भी सबसे ज्यादा दून में ही हैं। केवल देहरादून ही एकमात्र जिला है, जहां सक्रिय मामले 100 से ज्यादा हैं।
कोरोना संक्रमण की स्थिति
अवधि, राज्य, देहरादून
1-15 दिसंबर, 258, 92
16-30 दिसंबर, 493, 181
चार माइक्रो कंटेनमेंट जोन बने
डीएम डा. आर राजेश कुमार के आदेश पर गुरुवार को चार इलाकों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। ये लक्ष्मी रोड डालनवाला, 26 आदर्शनगर बल्लूपुर व जोगीवाला में हैं। यहां आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।