देहरादून। कोरोना लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से खड़ी देहरादून-दिल्ली वॉल्वो व एसी बस सेवा गुरुवार से शुरू हो गई। हालांकि, साधारण बस सेवा सितंबर अंत में शुरू हो गई थी, लेकिन त्योहारी सीजन व यात्रियों की मांग को देखते हुए रोडवेज ने डीलक्स बसों का संचालन अब शुरू किया है। पहले दिन दून से दिल्ली के लिए छह वॉल्वो बसें, जबकि एक एसी बस जयपुर के लिए रवाना हुईं। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार बसों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुक्रवार से शुरू कर दी जाएगी।
रोडवेज के पास 120 अनुबंधित वॉल्वो व एसी बसें हैं। उच्च श्रेणी के यात्री इन बसों में सफर को तरजीह देते हैं। अनलॉक-पांच में अंतरराज्यीय परिवहन शुरू होने पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के लिए सौ-सौ साधारण बसों का संचालन शुरू किया गया था। इस दौरान दिल्ली कश्मीरी गेट आइएसबीटी पर प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने पर उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाली सभी बसें गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे तक जा रही थी। दो दिन पूर्व ही दिल्ली सरकार ने कश्मीरी गेट और आनंद विहार आइएसबीटी पर बसों के प्रवेश की अनुमति दी थी। जिस पर रोडवेज ने 180 साधारण बसें दिल्ली आइएसबीटी के लिए संचालित कर दी।
त्योहारी सीजन के मद्देनजर रोडवेज की ओर से दीपावली तक 850 बसों को मार्गों पर उतारने की योजना है। मौजूदा समय में करीब 700 बसें चल रहीं। ऐसे में रोडवेज ने दून से दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और चंडीगढ़ समेत धर्मशाला, हल्द्वानी के लिए वाल्वो और एसी बसें चलाने की तैयारी की है। इसके तहत पहले दिन गुरुवार को सात डीलक्स बसें चलाई गईं। हालांकि, बसों में यात्री कम मिले, लेकिन रोडवेज प्रबंधन को इनकी संख्या में इजाफे की उम्मीद है।
दून से प्रतानगर के लिए दो बस सेवाएं
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के अनुसार सचिव परिवहन शैलेश बगोली की ओर से रोडवेज मुख्यालय को दून से टिहरी के प्रतापनगर के लिए दो नियमित बस सेवा शुरू करने के आदेश दिए हैं। इनमें देहरादून से डोबराचाटी-लंबगांव (प्रतापनगर) व दून से डोबराचाटी-रजाखेत (प्रतापनगर) सीधी बस सेवा होगी। मुख्यमंत्री खुद दोनों बसों को शनिवार को डोबराचाटी से देहरादून के लिए रवाना करेंगे। इसके बाद रोजाना दोनों ओर से दो-दो बसें संचालित होंगी। सचिव परिवहन ने रोडवेज को दो बसें शुक्रवार की शाम तक डोबराचाटी भेजने के आदेश दिए हैं। लंबे समय से इस मार्ग पर रोडवेज बस संचालित करने की मांग ग्रामीण कर रहे थे।