देहरादून। देहरादून शहर में आज से अतिक्रमण पर जेसीबी चलेगी। साथ ही अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स चिह्नीकरण की कार्रवाई भी करेगी। हर जोन में एसडीएम और सीओ की तैनाती रहेगी। एक घंटे अतिक्रमण चिह्नीकरण होगा। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। करीब एक सप्ताह चलने वाले अभियान की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।
टास्क फोर्स के प्रभारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि दो साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर टास्क फोर्स ने शहर को चार जोन में बांटकर प्रमुख सड़कों से अतिक्रमण हटाया था। इस दौरान चिन्हीकरण के बाद भी कुछ लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था, जिन पर फिर से कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जो लोग खुद अतिक्रमण हटाएंगे, उन पर टीम कार्रवाई नहीं करेगी। जिन लोगों का अतिक्रमण टास्क फोर्स हटाएगी, उनसे कार्रवाई में आने वाले खर्च भी वसूला जाएगा।
अतिक्रमण पर लगे लाल निशान गायब
दो साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर मेगा अभियान चलाकर अतिक्रमण ध्वस्त किया गया था, लेकिन अभियान थमने के बाद अतिक्रमणकारियों के हौसले फिर से बुलंद हो गए हैं। अतिक्रमण पर लगाए लाल निशान को लोगों ने मिटा दिया है। जहां से भी अतिक्रमण हटाया गया, उन स्थानों पर फिर से अतिक्रमण कर लिया गया है। इस कारण कई जगह जाम की समस्या बढ़ रही है। अधिकारियों की सुस्ती के चलते अब सड़कों पर दोबारा से कब्जे होने लगे हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर चला था अभियान
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए 18 जून 2018 को शहर में अतिक्रमण हटाने का आदेश सरकार को दिया था। इसमें सड़क, नाली और फुटपाथ समेत सरकारी जमीन, कॉलोनियों आदि में अतिक्रमण हटना था। आदेश के दस दिन बाद 27 जून को प्रशासन ने शहर को चार जोन में बांटते हुए अतिक्रमण का चिह्निकरण शुरू किया। हाईकोर्ट के डर से अधिकारियों ने अभियान पर गंभीर रुख दिखाया, लेकिन इसके बाद बारिश, विधानसभा सत्र, इन्वेस्टर्स मीट आदि होने पर पुलिस फोर्स की कमी बताते हुए अभियान रोक दिया गया।
हर सड़क पर अतिक्रमण
राजपुर रोड पर जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया था। वहां अतिक्रमणकारियों ने वर्कशॉप तक बना रखा है। कुछ ऐसा ही हाल रायपुर रोड का है। डीएल रोड में कार्रवाई के बाद मलबा नहीं उठाया गया, जो लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। हरिद्वार बाईपास, मोथरोवाला रोड, सहारनपुर रोड, कांवली रोड पर भी काफी संख्या में अतिक्रमण किया हुआ है। इसके अलावा न तो सड़कें बनी और न ही सौंदर्यीकरण हुआ। अगर ऐसा होता तो शायद फिर से अतिक्रमण की स्थिति न पैदा होती।
अभियान के दौरान टास्क फोर्स ने यहां की थी कार्रवाई
– घंटाघर-सहारनपुर चैक-आईएसबीटी।
– घंटाघर-चकराता रोड-प्रेमनगर।
– रिस्पना से चंचल स्वीट शॉप तक।
– नेहरू कॉलोनी चैक से धर्मपुर चैक तक।
– आराघर चैक से ईसी रोड पर सर्वे चैक तक।
– सर्वे चैक से रायपुर रोड।
– सहस्रधारा क्रासिंग से सहस्रधारा तक।
– जोगीवाला से रिंग रोड डोभालवाला तक।
– बिंदाल पुल से चकराता रोड किशननगर चैक तक।
हाईकोर्ट के आदेश के मुख्य बिंदु
– चार सप्ताह में दून की सड़कों से अतिक्रमण हटाया जाए।
– अतिक्रमण के समय तैनात अधिकारियों पर कार्रवाई करें।
– तय समय में अतिक्रमण न हटाने पर इसके लिए मुख्य सचिव जिम्मेदार होंगे।
– तीन माह के भीतर रिस्पना नदी किनारे हुए अतिक्रमण को हटा नदी को पुनर्जीवित किया जाए।
– अतिक्रमण हटाने के लिए धारा 144 लागू करना पड़े तो वह भी करें।
– शासन, एमडीडीए और नगर निगम उन सभी मॉल, शोरूमों आदि को तीन सप्ताह में सील करें, जिनके बेसमेंट में पार्किंग के बजाय दूसरा उपयोग हो रहा है।
– जिन आवासीय भवनों में व्यावसायिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं, उन्हें सील करें।
पांच हजार अतिक्रमण तोड़े, फिर वही हाल
टास्क फोर्स की ओर से तीन महीने चले अभियान में करीब पांच हजार अतिक्रमण ध्वस्त किए गए, लेकिन इसके बाद भी तमाम जगह सड़कों को चैड़ा नहीं किया गया। जिसके चलते इन जगहों पर फिर से अतिक्रमण शुरू हो गया है।
यहां चलेगा अभियान
जोन-1 राजपुर रोड तथा चकराता रोड के बीच का क्षेत्र
जोन-2 चकराता रोड के दोनो छोर तथा घंटाघर, प्रिंस चैक होते हुए सहारनपुर रोड के बीच का क्षेत्र
जोन-3 गांधी रोड-प्रिंस चैक होते हुए सहारनपुर रोड के दोनों छोर एवं सहारनपुर रोड व हरिद्वार रोड के बीच का इलाका
जोन-4 हरिद्वार रोड के दोनों छोर तथा हरिद्वार रोड, राजपुर रोड के बीच का क्षेत्र
यह रहेगी टीम
– अतिक्रमण हटाने के लिए टीम के साथ दो महिला एसआई, 15 महिला कांस्टेबल के साथ पुलिस कर्मी।
– दो जेसीबी, दो ट्रैक्टर-ट्रॉली, एक टीपर, एक खुली जीप या पिकअप, एक वाटर टैंकर आदि के साथ कर्मी।
– पीडब्ल्यूडी की ओर से 20 श्रमिक की व्यवस्था।
– प्रशासन की ओर से एक कैमरामेन, एक वीडियोग्राफर की तैनाती।
अतिक्रमण हटाने के लिए टास्क फोर्स की ओर से जो भी मदद मांगी जाएगी, प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
– डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी