देहरादून। वर्ष 2020 में देश की सबसे बड़ी सैन्य विजय की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 1971 को भारत -पाक युद्ध को देश की सबसे शानदार जीत के रूप में याद किया जाता है। 1971 के युद्ध में भारत की जीत शानदार रही तथा यह भारत के लिए प्रतीकात्मक है, जो क्षेत्रीय महाशक्ति बनने के लिए अग्रसर है। हमारे महान राज्य के सैनिकों ने वीरता और बलिदान की अनुठी कहानियों को प्रदर्शित किया और लगभग 14 दिनों के इस महायुद्ध में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारत के आगे आत्मसमर्पण किया, जो जर्मनी के प्रथम विश्व युद्ध में आत्म समर्पण के बाद दूसरी बड़ी जीत थी। भारतीय सेना इस वर्ष चलने वाली स्मरणोत्सव विजय फ्लेम की शानदार जीत का प्रदर्शन कर रही है।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर स्वर्णिम विजय वर्ष का उद्घाटन किया गया। पुष्पांजलि समारोह का आयोजन विजय ज्वालाओं की रोशनी में किया गया। भारत की यह जीत देश के हर गांव, हर शहर और कस्बे के लोगों को प्रेरणा देगी और हमारी पीढ़ी भी इस वीरता के प्रदर्शन से प्रेरित होगी। यह विजय फ्लेम देहरादून 18 दिसम्बर 2020 को पहुंची। इस विजय फ्लेम को मेजर जनरल राहुल आर सिंह, जीओसी 14 रेपिड (एस) के द्वारा स्वागत किया गया और इसे क्लेमेनटाउन छावनी में सम्मानित किया गया। जीओसी ने सेना के जवानों, दिग्गजों, वीर नारियों और नागरिक गणमान्य लोगों की सभा को संबोधित किया।
भारतीय सैनिकों की वीरता को रंजीत सिंह आडिटोरियम में भी प्रदर्शित किया गया । भारत के इस सबसे बड़े युद्ध में योगदान देने वाले दिग्गजों और वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया। इस सत्कार समारोह के दौरान सभा का माहौल देशभक्ति से भरपूर था। विजय की लौ ने अपनी शानदार यात्रा जारी रखी और इसका अगला गंतव्य स्थान अम्बाला है।