निर्वाचन आयोग जहां मतदाता पहचान पत्र बनवाने में जुटा है, वहीं राजनीतिक दलों में नए वोटरों को अपना सपोर्टर बनाने की होड़ मची है। इसमें सत्तासीन भाजपा सबसे आगे है। विपक्षी दल कांग्रेस व आम आदमी पार्टी भी अपने-अपने स्तर पर इन चार लाख नए वोटरों तक पहुंच बनाने की पुरजोर कोशिश में है।
भाजपा के पास बूथ स्तर से लेकर पन्ना प्रमुख स्तर के कार्यकर्ता हैं, जो धरातल पर काम करते हुए नजर आते हैं। जिनकी पहुंच मोहल्लों से लेकर गांव-गांव तक रहती है। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बूथ स्तर के इन पदाधिकारियों को नए वोटरों का नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए सहयोग करने पर जोर दिया था। खासकर युवा मोर्चा को इसकी जिम्मेदारी दी थी।यह भी कहा गया था कि युवा मोर्चा के पदाधिकारी नए वोटरों को अपने पक्ष में आकर्षित करने के लिए इन्हें सम्मानित भी करेंगे। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत कहते हैं, इस तरह के कार्यक्रम हमारे रूटीन का हिस्सा हैं। प्रत्येक पदाधिकारी वोटर कार्ड बनाने में सहयोग कर रहे हैं। जहां भाजपा अपने मजबूत संगठन के बूते हर स्तर की कवायद में जुटी है, वहीं सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस भी पीछे नहीं है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया बताते हैं, हमने नए वोटर बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया। नुक्कड़ नाटक के अलावा कई तरह की गतिविधियों के जरिये नए वोटरों का नाम मतदाता सूची में जुड़वाया गया। हमारा उद्देश्य है कि नए वोटर भी कांग्रेस की नीति समझ सकें। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू कहते हैं, चुनाव में नया वोटर अहम होता है। वैसे भी प्रदेश में युवाओं की संख्या अधिक है। इसलिए स्वस्थ लोकतंत्र के लिए युवाओं को मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
राज्य में जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर 18-19 वर्ष की उम्र के करीब चार लाख युवा हैं, लेकिन मतदाताओं की संख्या केवल 46 हजार है। इस आधार पर निर्वाचन आयोग को करीब साढ़े तीन लाख मतदाताओं को मतदाता सूची से जोडऩा है। ऐसे में राजनीतिक दल भी नए वोटरों को सपोर्टर बनाने में अधिक रुचि दिखाते नजर आए।