देहरादून। सरकार ने कोरोना की वजह से लॉकडाउन के कारण खनन व्यवसायियों को हुई परेशानी का संज्ञान लिया है। शासन ने इसे देखते हुए नदियों से उपखनिज व सिल्ट के निस्तारण व उठान के लिए अवधि एक माह आगे बढ़ाते हुए 31 जुलाई तय कर दी है। अभी तक नदियों में उपखनिज का उठान व निस्तारण 30 जून तक किया जाता था। इसके बाद सितंबर में दोबारा काम शुरू किया जाता है।
प्रदेश में इस वर्ष नदियों में आने वाले सिल्ट व उपखनिज (बजरी, रेत, पत्थर आदि) के उत्तराखंड रिवर ट्रेनिंग नीति बनाई गई थी। इस नीति में नदियों से उपखनिज उठान अथवा निस्तारण के लिए 30 जून तक की समयसीमा तय की गई है।
दरअसल, हर वर्ष वर्षाकाल शुरू होने के साथ ही नदियों से उपखनिज के चुगान व निस्तारण का काम बंद कर दिया जाता है ताकि नदियां फिर से उप खनिजों से भर सकें और बरसात के कारण नदियों में उफान आने के कारण कोई दुर्घटना भी नहीं हो। इस बार कोरोना काल के कारण मार्च के बाद नदियों में उपखनिज का काम शुरू नहीं हो पाया।
बीते माह काम शुरू किया गया लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण यह रफ्तार नहीं पकड़ पाया। इस कारण खनन व्यवसायियों को खासा नुकसान हुआ। इसे देखते हुए खनन व्यवसायियों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि नदियों से उपखनिज के उठान व निस्तारण की अनुमति की अवधि बढ़ाई जाए। अब शासन ने इसकी अवधि बढ़ा दी है।
अपर मुख्य सचिव खनन ओमप्रकाश द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेशों में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के कारण जिन लाइसेंसाधारकों का काम बाधित रहा, उन्हें 31 जुलाई तक यह काम करने की अनुमति दी जाती है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था केवल वर्ष 2020 के लिए लिए विषम परिस्थितियों को देखते हुए की जा रही है।