देहरादून। परमानेंट लाइसेंस के आवेदकों को बड़ी राहत देते हुए परिवहन विभाग ने रोजाना हो रहे लाइसेंस टेस्ट की संख्या 40 से बढ़ाकर 70 कर दी है। अब शुक्रवार से 70 आवेदक गाड़ी पर टेस्ट देंगे। कोरोना अनलॉक-2 के तहत विभाग ने परमानेंट लाइसेंस टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन टेस्ट स्लॉट की संख्या कम होने के कारण प्रतीक्षा सूची हजारों में पहुंच चुकी है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस स्थिति में एक साल में भी यह प्रतीक्षा सूची खत्म नहीं हो पाएगी। इसलिए धीरे-धीरे स्लॉट बढ़ाए जा रहे हैं ताकि 30 सितंबर तक सभी आवेदकों के लाइसेंस बन जाएं।
परिवहन विभाग ने अनलॉक-2 के तहत परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए 20 जुलाई से टेस्ट लेना शुरू किया था। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत जिन आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस की वैधता एक फरवरी के बाद खत्म हुई है, वे ही परमानेंट डीएल के टेस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव भी किया गया। परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन के बाद झाझरा में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में वाहन पर टेस्ट देने के लिए जाना पड़ता है।
आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि परमानेंट लाइसेंस टेस्ट की समीक्षा में पाया गया कि आवेदकों की संख्या हजारों में है। अगर विभाग टेस्ट देने वालों की संख्या नहीं बढ़ाएगा तो लाइसेंस बनाना बेहद मुश्किल होगा। केंद्र ने वाहन या लाइसेंस से जुड़े कागजों की वैधता को लेकर 30 सितंबर तक की छूट दी हुई है। ऐसे में यह तिथि खत्म हो जाएगी व हजारों लर्निग लाइसेंस आवेदन खत्म हो सकते हैं। लिहाजा, परमानेंट लाइसेंस के टेस्ट के लिए स्लॉट धीरे-धीरे और बढ़ाए जाएंगे।
लर्निग लाइसेंस में राहत नहीं
परमानेंट लाइसेंस में स्लॉट भले ही बढ़ा दिए हों, लेकिन लर्निंग लाइसेंस को लेकर अभी राहत नहीं मिली है। विभाग ने अभी एक दिन में केवल 10 लर्निंग लाइसेंस का टेस्ट लेने का फैसला कायम रखा है।