देहरादून: प्रदेश के दुरूह क्षेत्र की बेटियां भी आज पहाड़ की पगडंडियों को पार कर अपना अलग मुकाम बना रही हैं। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-एडवांस की बात करें तो इसमें भी उनका डंका बजा है। जिसने साबित किया है कि दूरदराज के किसी गांव का रहने वाले होनहार न केवल बड़े-बड़े सपने देखते हैं बल्कि उन्हें पूरा करने का दम भी रखते हैं। जहां चाह, वहां राह। इस कहावत को टिहरी के ग्राम कोट निवासी राजनंदिनी ने चरितार्थ किया है।
राजनंदिनी ने जेईई एडवांस में 915 रैंक (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) हासिल की है। राजनंदिनी ने जवाहर नवोदय विद्यालय पौखाल से वर्ष 2020 में 98 फीसदी अंक के साथ इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। उस दौरान उन्होंने जिले में दूसरा स्थान हासिल किया था। उनका सपना शुरू से ही इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने का रहा और इसके लिए वह काफी समय से तैयारियों में जुटी थी। इसके बाद इंटर पास करने के बाद उन्होंने देहरादून स्थित एक संस्थान से एक साल की कोचिंग भी ली। राजनंदिनी का कहना है कि यदि किसी चीज को लक्ष्य बनाकर उसकी तैयारी की जाए तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता। इसलिए शुरू से ही अपना लक्ष्य बनाकर आगे चलना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी तमन्ना कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की है। राजनंदिनी के पिता रविंद्र सिंह सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षक हैं और मां रश्मि गृहणी। उनकी छोटी बेटी अदिति दून स्थित हिमज्योति स्कूल में कक्षा दस की छात्रा है। वहीं बेटा रुद्रप्रताप सरस्वती विद्या मंदिर नई टिहरी में कक्षा छह में पढ़ रहा है।