देहरादून । उच्च शिक्षा धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक हुई। सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक में विभागीय मंत्री ने निजी विश्वविद्यालयों के संचालाकों एवं कुलपतियों के साथ नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा की।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अभी से उच्च शिक्षण संस्थानों को अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय शिक्षण कार्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए प्रत्येक निजी विश्वविद्यालयों को 2-2 गांव गोद लेना होगा। जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता अभियान चला कर लोगों को जागरूक करें। इसके अलावा गांवों की तर्ज पर विश्वविद्यालय एक विद्यालय को भी गोद लें।
उन्होंने कहा जागरूकता कार्यक्रमों से विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का गांवों से सीधा जुड़ाव रहेगा साथ ही स्थानीय समस्याओं से भी अवगत होंगे। वहीं पालयन आयोग के उपाध्यक्ष डा. एस.एस.नेगी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किये जाने चाहिए। ताकि छात्रों को गांव की तरफ जाने का मौक मिल सकेगा साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से विश्वविद्यालयों को भी सीखने का अवसर मिलेगा। वहीं मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डा. नरेन्द्र सिंह ने कहा कि सामाजिक भागीदारी निभाना विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है और विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वह अपने शोध कार्यों का लाभ स्थानीय लोगों को पहुंचायें। वहीं हार्क संस्था के संस्थापक डा. महेन्द्र कुंवर ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्या का केन्द्र हैं उन्हें इसे बाउंडरी अंदर बांधना उचित नहीं है। इसे समाज के बीच में चले जाना होगा और स्थानीय मुद्दों को पीएचडी कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं विभिन्न विश्वविद्यालय के संचालकों द्वारा गांवों व स्कूलों को गोद लेने पर अपनी इच्छा व्यक्त की।