पांच जिलों में स्थापित होंगे फर्स्ट रेफरल यूनिट

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प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए पांच जिलों में फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा प्रसव केंद्रों और एफआरयू में एएनएम और स्टाफ नर्सों की तैनाती की जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रसव केंद्रों व एफआरयू में आवश्यक चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए दो करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में उत्तरकाशी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव, पौड़ी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण, टिहरी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौंड, ऊधमसिंह नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खटीमा और हरिद्वार जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्सर में एफआरयू स्थापित किए जाएंगे। इन एफआरयू में स्त्री रोग, बाल रोग और एनेस्थिसिया की तैनाती की जाएगी।

पर्वतीय क्षेत्रों में जिस प्रसव केंद्र की आबादी तीन हजार और मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार से अधिक है। वहां पर एक एएनएम की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। इसके अलावा अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी जिले में 56 प्रसव केंद्रों पर 11 एफआयू में स्टाफ नर्सों की तैनाती की जाएगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ. सरोज नैथानी का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में एनएचएम में पांच जिलों में नए एफआरयू स्थापित किए जाएंगे। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में तीन हजार और मैदानी क्षेत्रों में पांच हजार से अधिक आबादी वाले प्रसव केंद्रों पर अतिरिक्त एएनएम और स्टाफ नर्स रखे जाएंगे। प्रसव केंद्रों व एफआयू में चिकित्सा उपकरणों के लिए दो करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

 

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