पानी पानी हुआ देहरादून, सड़को से लेकर घरों के अंदर तक पानी

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राजधानी देहरादून में मौसम के बदले मिजाज के चलते मंगलवार देर शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने राजधानी व आसपास के इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त करके रख दिया। लगातार कई घंटे की मूसलाधार बारिश के चलते दर्जनभर इलाकों में जलभराव हो गया। दिलाराम चौक, सर्वे चौक, घंटाघर, महाराजा अग्रसेन चौक, कारगी चौक समेत कई चौराहों पर जलभराव होने से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। मूसलाधार बारिश के चलते नाले भी उफान पर आ गए। गल्जवाड़ी, डाकरा गढ़ी, घंघोरा कैंट, मयूरी बिहार कंडोली, सालावाला, गोविंदगढ़, बसंत विहार, इंदिरानगर, जीएमएस रोड, नेहरू कालोनी, धर्मपुर, राजेंद्र नगर, टीचर्स कॉलोनी, सरस्वती विहार, केवल बिहार, सुमननगर, नीलकंठ विहार, पंडितबाड़ी, गांधी रोड, आईएसबीटी, किशननगर, राजेंद्रनगर, त्यागी रोड, पटेलनगर, डालनवाला समेत कई इलाकों में जलभराव से लोगों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी।

नालियों, नालों का पानी आसपास की लोगों के घरों में घुस गया। तमाम इलाकों में जबरदस्त जलभराव होने अफरातफरी मच गई। लोग दिनभर घरों में घुसे पानी को निकालने में जुटे रहे। शाम पांच बजे के बाद बारिश थमी तो लोगों ने राहत की सांस ली। टपकेश्वर मंदिर में बह रही टमसा नदी भी बारिश के बाद उफान पर आ गई। उधर, शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के अधूरे निर्माण कार्य भी बारिश में लोगों के लिए मुसीबत बन गए। सड़कों की खुदाई के कारण जलनिकासी नहीं होने से स्थिति और बदतर हो गई। यह स्थिति तब है जबकि सरकार, शासन और स्मार्ट सिटी के सीईओ ने तमाम एजेंसियों को मानसून से पहले ही निर्माण कार्य पूरे करने की हिदायत दी थी, लेकिन निर्माण कार्य आधे-अधूरे होने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।मूसलाधार बारिश के बीच राजधानी के गोविंदगढ़ इलाके के लोग पूरी रात पहरेदारी करते रहे। गोविंदगढ़ के लोगों को नाले के उफनाने का डर सता रहा था। गनीमत रही कि नाले का पानी कॉलोनियों में नहीं घुसा। लोगों का कहना है कि नगर निगम और सिंचाई विभाग की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्य पूरे नहीं होने से बारिश में भारी तबाही हो सकती है।मूसलाधार बारिश से रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों के किनारे बसी दो दर्जन से अधिक बस्तियों के लोगों की भी सांसे अटकी रही। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ृने से लोगों दहशत का माहौल रहा। लोगों को इस बात का डर सताता रहा कि नदियों में और उफान न आ जाए। गनीमत रही कि नदियों का जलस्तर तो बड़ा, लेकिन उतना नहीं बड़ा जिससे कि मुसीबत खड़ी होती।जिले के देहात क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के चलते सहस्रधारा-कार्लीगाड संपर्क मार्ग, संतला देवी संपर्क मार्ग, सहस्रधारा-चामासारी मार्ग, मालदेवता-सेरकी सिल्ला मार्ग, किमाड़ी मार्ग, लंबीधार किमाड़ी मार्ग, किरसाली-अस्थल मार्ग, इठारना-देवली मार्ग, मीनस-अटाल राज्य मार्ग, किमोड़ी से रिखौली मार्ग, फुलेरा से क्यारा मार्ग समेत दो दर्जन से अधिक सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इन मार्गो पर यातायात बाधित है। जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने क्षतिग्रस्त मार्गों की जल्द मरम्मत के आदेश दिए हैं।आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक ऋषिकेश में सबसे अधिक 104.2 मिमी, मसूरी में 27.50, सहसपुर में नौ, राजधानी दून में 17.6, कालसी में 6.50, रायवाला में 8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। ऋषिकेश में बादल फटने की वजह से सबसे अधिक 104.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बादल फटने से ऋषिकेश में काफी नुकसान की भी खबर है।

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