उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल और हेड कांस्टेबलों के ग्रेड-पे विवाद पर जल्द रिपोर्ट पेश हो सकती है। इस रिपोर्ट को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है।कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबलों को 20 साल की संतोषजनक सेवा पर पूर्व में मिलने वाला 4600 रुपये का ग्रेड पे अब सीधे 2800 रुपये हो चुका है। पुलिस कर्मचारी अंदरखाने इस पर असंतोष भी जाहिर कर चुके हैं, जबकि उनके परिजन तो सड़कों पर उतर चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके समाधान के लिए हालांकि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है,लेकिन यह मसला लंबा खिंच गया है। पुलिस कर्मचारियों में इस बात को लेकर चिंता है कि अगले तीन माह बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी, यदि इस दौरान ग्रेड पे विवाद का हल नहीं निकला तो फिर यह मसला अगली सरकार के गठन तक ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
ऐसे में पुलिस कर्मचारियों के परिजन फिर इस विवाद को हवा देने में लग गए हैं। उधर, रविवार को कैबिनेट मंत्री व सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि सब कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है, कुछ बिंदुओं का परीक्षण शेष रह गया था, इस पर गृह विभाग के अफसरों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष रख दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे का विवाद का समाधान अवश्य हल होगा।
वहीं दूसरी ओर, राजधानी देहरादून में ग्रेड-पे 4200 से बढ़ाकर 4600 करने की मांग को लेकर फिर से पुलिसकर्मियों के परिजन सड़क पर उतर आए हैं। बड़ी संख्या महिलाएं देहरादून के गांधी पार्क के सामने एकत्रित होकर नारेबाजी कर रही हैं। नारेबाजी कर रही महिलाओं का कहना है पुलिसवालों के परिजन चुप नहीं रहेंगे, 4600 ग्रेड पे लेकर रहेंगे। इससे पहले भी महिलाएं ग्रेड पे बढ़ाने की मांग को लेकर कुछ दिन पहले सड़क पर उतरी थीं।
कुछ देर में ये महिलाएं सीएम आवास भी कूच कर सकती हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है। नारेबाजी कर रही महिलाओं ने कहा कि नारी शक्ति का एक ही पुकार हमें हमारा अधिकार दें सरकार। बीच का रास्ता एक स्टार 4200 नहीं चाहिए, सिर्फ 4600 ग्रेड पे दें सरकार। बैठकें बैठकें छोड़ दो 4600 पर जोर दो। ये महिलाएं हाथ मे अलग अलग तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।