प्रदेश के 13 जिलों में 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई धनराशि को समय पर खर्च नहीं करने वाली त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बेहतर काम करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रथम चरण में सरकार ने ऐसी पांच-पांच पंचायतों का ब्योरा तलब किया है। अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत, जबकि खराब प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को दंड मिलेगा।
सचिव पंचायती राज नितेश झा की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। पंचायतों में विकास कार्यों के लिए प्रतिनिधियों की ओर से हमेशा बजट नहीं मिलने की बात कहकर कार्यों को लटकाने की शिकायतें मिलती रहती हैं, जबकि शासन के अधिकारियों का कहना है कि पंचायत स्तर पर बजट की कहीं कोई कमी नहीं है। जो पैसा दिया जा रहा है, तमाम पंचायतें उसे भी खर्च नहीं कर पा रही हैं।
प्रदेश में बहुत सी पंचायतें बेहतर काम भी कर रही हैं।ग्राम पंचायतों, विकासखंड और जिला पंचायतों में स्वच्छता एवं पेयजल के लिए 15वें वित्त आयोग से मिली धनराशि का 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं हो पाना इसका एक उदाहरण है। वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 तक खर्च होने वाले पैसे का सदुपयोग पंचायतें नहीं कर पाई हैं।
अच्छा काम करने वाली दूसरी पंचायतों को भी दिया जा सकता है पैसा