देहरादून। संवाददाता। देहरादून जू समय के साथ-साथ अपने विस्तार और आकर्षक जीव-जंतुओं की वजह से पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बना हुआ है। जहां से हर साल करीब 50 लाख का राजस्व सरकार को मिल रहा है। जू में विदेशी पक्षियों के बाड़े बच्चों को लुभा रहे हैं। वहीं तेंदुए, मगरमच्छ, घड़ियाल, ईमू, मोर और दुलर्भ हो चके गिद्ध को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। इसके अलावा स्कूली बच्चों को भी यहां अध्यापक पक्षियों के स्वभाव और मनोंरंजन के लिए लाते हैं। मालसी डियर पार्क का नाम जब से देहरादून जू पड़ा है तब जू को खास पहचान मिल रही है।
प्रकृति की शांत वादियों में बसा देहरादून जू अपने आप में नौंसर्गिक सौंदर्य की छटा बिखेरता है। जो मनुष्य को असीम शांति तो देता ही है साथ ही पशु-पक्षियों को करीब से देखने के साथ ही उनके व्यवहार को जानने का अवसर भी प्रदान करता है। देहरादून जू में रंग-बिरगें विदेशी पक्षियों के साथ ही दुलर्भ प्रजाति के पक्षी पर्यटकों का खास आकर्षण हैं। देहरादून जू के रेंजर एमएम बैजवाण ने बताया कि सर्दियों में पक्षियों के शरीर का तापमान सामान्य रहेए इसके लिए उन्हें गर्म चीजे खाने को दी जाती हैं जिनमें सूरजमुखी के बीज मूंगफली।
उन्होंने बताया कि जू परिसर में साफ सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। केंद्र को जंगल सफारी के लिए बजट का प्रस्ताव भेजा गया है स्वीकृत होते ही पर्यटक जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा जू में स्नेक हाउस बनाने की तैयारी है जिसमें कई प्रजाति के सांप रखे जायेंगे साथ ही उनके बारे में सभी जानकारी भी दर्ज होगीए जिससें उनके बारे में बच्चों को जानकारी मिल सकेगी। इनमें किंग कोबराए एनेकोंडा सहित विश्व की अन्य प्रजाति के स्नेक को जगह दी जायेगी।
जू पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि यहां काफी कुछ देखने को मिला। कई प्रजाति की मछली देखने को मिली लैपर्ड करीब से देखने का मजा अलग ही है। ईमू और लव बर्ड के अलावा विदेशी पैरेट देखकर काफी अच्छा लगा। वहीं जू घूमने आये बच्चों ने भी काफी खुशी जाहिर की, विदेशी पक्षियों को देखकर बच्चें काफी उत्साहित हैं।