27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। ऐसे में धाम में यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पवार ने बताया कि मास्टर प्लान के अनुसार धाम में कुछ धर्मशालाएं और होटल तोड़े गए हैं, लेकिन तीर्थयात्रियों को ठहरने में कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि अन्य होटलों और धर्मशालाओं का निर्माण हो चुका है।
पेयजल लाइनें और टंकियां टूटीं, यात्रा में आपूर्ति होगी बड़ी चुनौती
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ धाम में पेयजल सप्लाई प्रशासन के सम्मुख बड़ी चुनौती रहेगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान महायोजना के तहत धाम में जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिसमें पेयजल लाइनों को नुकसान हुआ है। होटल, धर्मशाला और सार्वजनिक पेयजल टंकियों की लाइन भी तहस-नहस पड़ी है। अब बदरीनाथ यात्रा को मात्र 10 दिन का समय बचा है। ऐसे में यहां पेयजल की व्यवस्था बनाना मुश्किल होगा।
बदरीनाथ धाम में यात्राकाल में प्रतिदिन 12 से 15 हजार तीर्थयात्री पहुंचते हैं जबकि यहां लगभग 4000 स्थानीय लोग हैं। धाम में चरणपादुका पेयजल स्रोत से 3 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है। इस बार महायोजना के तहत कई दुकानें और सरकारी भवनों का ध्वस्तीकरण किया गया जबकि बदरीनाथ बाजार साइड अराइवल प्लाजा व अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं जिससे जगह-जगह पानी की लाइनें टूटी हैं। कई होटल व्यवसायी धाम में पहुंच गए हैं लेकिन पानी की सप्लाई सुचारु नहीं हो पाई है।
पुलिस कोतवाली में भी पानी नहीं है। पुलिस के जवान प्राकृतिक स्रोत से ही पानी की सप्लाई कर रहे हैं। इधर, जल संस्थान के सहायक अभियंता अरुण गुप्ता का कहना है कि बदरीनाथ धाम में संस्थान की टीम पेयजल लाइनों के सुधारीकरण कार्य में लगी है। 20 अप्रैल के बाद पेयजल लाइनों पर सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। यात्रा के दौरान धाम में एक टैंकर भी मुहैया कराया जाएगा। तीर्थयात्रियों को पानी के लिए परेशानी नहीं होने दिया जाएगा।