देहरादून। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के समर्थन में बुलाए गए भारत बंद का उत्तराखंड में मिला जुला असर दिख रहा है।
रुद्रपुर में भारत बंद का आह्वान किया गया है। यहां शाम छह बजे तक व्यापारियों से प्रतिष्ठान, ट्रांसपोर्ट आदि बंद रखने का आह्वान किया गया है। लेकिन शुक्रवार को सुबह यहां बाजार बंद नहीं रहे। इसी तरह राजधानी देहरादून में भी बाजार खुले हुए हैं। राज्य में कहीं भी बंद का व्यापक असर नहीं दिखाई दे रहा है।
बंद में स्वेच्छा से शामिल हो सकते हैं व्यापारी
किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित भारत बंद में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड की इकाइयां स्वेच्छा से शामिल हो सकती हैं। देहरादून में अध्यक्ष नवीन चंद्र शर्मा ने कहा कि जो इकाईयां बंद में शामिल नहीं होना चाहती हैं, उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा।
अध्यक्ष नवीन चंद्र शर्मा ने उत्तराखंड किसान आंदोलन के संयोजक कर्म सिंह ने व्यापार मंडल से समर्थन मांगा है, लेकिन बंद को लेकर व्यापार मंडल की सभी इकाइयां स्वतंत्र हैं।
नगर निगम में बैठक कर बंद को समर्थन, बाजार नहीं करेंगे बंद
भारत बंद को लेकर काशीपुर में मजदूर किसान संयुक्त मोर्चा और व्यापार मंडल नगर निगम में बैठक कर बंद को अपना समर्थन देंगे। किसान संगठनों का कहना है कि होली के पर्व को देखते हुए बाजार बंद करने पर व्यापारियों का नुकसान न हो, इसके लिए बाजार बंद कराने के स्थान पर बैठक का आयोजन कर बंद को समर्थन दिया जाएगा।
तीनों कृषि कानून आम जनता के लिए भी बेहद खतरनाक
तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि रुद्रपुर में व्यापारियों व विभिन्न संगठनों ने भारत बंद को समर्थन दिया है। विर्क ने कहा कि तीनों कृषि कानून सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद खतरनाक हैं। इससे कृषि पर भी उद्योगपतियों का कब्जा हो जाएगा।
वह राशन का भंडारण कर अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कानून से गरीब और आम जनता के सामने भोजन का भी संकट खड़ा हो सकता है। इससे भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इसलिए इन तीनों कानूनों का विरोध करना बेहद जरूरी है। विर्क ने आम जनता से भी शुक्रवार को भारत बंद को समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि किसान जागृति रैली गुरुवार को यूपी के मुरादाबाद में पहुंची है। यह रैली 27 मार्च को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगी।