देहरादून। मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति को मांगलिक कार्य के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता हैं। यही वजह है कि इस दिन शहरभर में बड़ी संख्या में विवाह समारोह होंगे। संक्रांति पर शहर में 200 से ज्यादा विवाह होने का अनुमान है। कोरोनाकाल के चलते लोग बड़े आयोजन से दूरी बना रहे हैं। सीमित सदस्यों की मौजूदगी में सादगी से समारोह संपन्न कराने की तैयारी है।
वहीं, वेडिंग प्वाइंट व होटल की बुकिंग भी खासी देखने को मिल रही है। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि मकर संक्रांति का शुभ लग्न करीब एक महीने बाद पड़ रहा है। इसके बाद 16 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन शुभ लग्न पड़ेगा। इसके बाद लंबे समय तक मुहूर्त नहीं है। इसलिए लोग मकर संक्रांति का दिन चुन रहे हैं, ताकि फरवरी में मौसम व कोरोना संक्रमण से जुड़ी कोई समस्या होने पर कार्यक्रम में विघ्न न पड़े।
आचार्य सुशांत राज ने बताया कि शास्त्रों में मकर संक्रांति को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इसलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं।
वहीं, आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल उत्सव के रूप में मनाते हैं। जबकि, कर्नाटक, केरल व आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है। इस पर्व पर पतंगबाजी की भी परंपरा है।
शुभ मुहूर्त 14 जनवरीः
पुण्य काल मुहूर्त : सुबह 8ः03 से दोपहर 12ः30 तक
अवधि ः 4 घंटे 26 मिनट
महापुण्य काल मुहूर्त: सुबह 8ः03 से सुबह 08ः27 तक
अवधि :24 मिनट
संक्रांति पल ः सुबह 08ः03