कोरोना टीका लगने के बाद लोगों के ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) से भी सुरक्षित रहने की संभावना ज्यादा रहती है। साथ ही साइड इफेक्ट और संक्रमण का जोखिम भी कम रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक टीका लगने से इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है। इसके अलावा वेंटिलेटर, आईसीयू के साथ तमाम साइड इफेक्ट वाले इंजेक्शन व दवाइयों की जरूरत न पड़ने से ब्लैक फंगस की संभावना भी कम रहती है। कोरोना की पहली खुराक में इंसान में संक्रमण से लड़ने के प्रति कम क्षमता आती है। दूसरी खुराक लगने पर इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत हो जाती है। ऐसे में अगर किसी को कोरोना होता भी है तो वह गंभीर स्तर पर नहीं पहुंच पाएगा। संभवत: मरीज को अस्पताल ले जाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अस्पताल में अन्य मरीजों से फैलने वाले संक्रमण, वेंटिलेटर के अलावा स्टेरॉयड दवाओं के इस्तेमाल से भी मरीज सुरक्षित रहेगा। जिससे ब्लैक फंगस के साथ ही अन्य बीमारियों के होने की भी बहुत कम संभावना रहती है।
– डॉ. कुमार जी. कॉल असिस्टेंट प्रोफेसर एवं फिजिशियन, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल
कोरोना का टीका लगने के बाद इंसान में संक्रमण तो हो सकता है, लेकिन वह ज्यादा गंभीर नहीं होगा। क्योंकि टीका लगने से शरीर में एंटीबॉडीज और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। हां इतना जरूर है कि वह साइलेंट कैरियर का काम कर सकता है। इसलिए मास्क पहनने की अनिवार्यता पर जोर दिया जा रहा है। दूसरा यह है कि मरीज की हालत गंभीर होने पर अस्पताल ले जाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ रही है। ऐसे में अस्पताल से पहुंचने वाला संक्रमण और और बीमारी के गंभीर होने पर दी जाने वाले स्टेरॉयड आदि से होने वाले साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है। इससे मरीज को ब्लैक फंगस और अन्य साइड इफेक्ट भी नहीं होंगे।
-डॉ. जगदीश रावत, वरिष्ठ सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ, श्री महंत इंद्रेश अस्पताल पटेलनगर